तीन थानाध्यक्षों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश
एडीएम वित्त एवं राजस्व न्यायालय से एसएपी को जारी हुआ पत्र लिखकर तीन थानाध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर : मारपीट के साधारण से मामलों में गुंडा एक्ट की कार्रवाई करने वाली पुलिस शातिर अपराधियों का बचाव कैसे करती है इसकी बानगी एडीएम वित्त एवं राजस्व के न्यायालय में देखने को मिली। कोर्ट में पुलिस ने गुंडा एक्ट के मामलों की चालानी रिपोर्ट तो भेज दी, लेकिन जब कोर्ट से नोटिस जारी हुई तो अपराधियों के यहा उसे तामील ही नहीं कराया। मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीएम वित्त एवं राजस्व वीरेंद्र पाडेय ने थानाध्यक्ष सचेंडी, बिठूर और घाटमपुर के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश एसएसपी का दिए हैं।
थाना सचेंडी के उदयपुर गाव निवासी अपराधी वीरेंद्र पहाड़ी के विरुद्ध गंभीर धाराओं में कई मुकदमे दर्ज हैं। सिद्धपुर गाव के राजू उर्फ राघवेंद्र के विरुद्ध भी तीन मामले पंजीकृत हैं। बिठूर थाने के सिंहपुर कछार गाव निवासी सूरज चौहान, बगदौधी बागर गाव के धर्मेंद्र कुमार शुक्ला के विरुद्ध दो- दो मुकदमे हैं। इसी तरह घाटमपुर के गौरी ककरा गाव निवासी धर्मेंद्र यादव के विरुद्ध तीन मामले, मिर्जापुर गाव के गुलाब केवट और गौरी ककरा गाव के पप्पू यादव के विरुद्ध भी तीन- तीन मामले पंजीकृत हैं। इन मामलों में आरोपितों के विरुद्ध नोटिस जारी की गई और तामील कराने के लिए संबंधित थाना प्रभारियों को भेजा गया। कोर्ट ने कई बार नोटिस भेजा, लेकिन तामील न होने पर एसएसपी को पत्र लिखा। एसएसपी ने भी सचेंडी, बिठूर और घाटमपुर के प्रभारियों को नोटिस का तामिला कराने का आदेश दिया, लेकिन थाना प्रभारियों ने ध्यान नहीं दिया। परिणाम स्वरूप कोर्ट ने सातों मामलों में गुंडा एक्ट की कार्रवाई समाप्त कर दी। साथ ही थाना प्रभारियों के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश दिए।