आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए बचे सिर्फ तीन दिन, नहीं किया तो लगेगा जुर्माना Kanpur News
एक सितंबर से रिटर्न दाखिल करने पर विलंब शुल्क भी अंतिम तारीख गुजरने पर जुर्माना भरकर फाइल कर सकेंगे रिटर्न।
कानपुर, जेएनएन। आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 अगस्त है और इसमें मात्र तीन दिन बचे हैं। इस समय रिटर्न फाइल न कर पाने पर विलंब शुल्क और जुर्माना देना पड़ेगा जो विलंब के दिनों की संख्या के हिसाब से तय होगा। वहीं 31 मार्च 2020 के बाद कर निर्धारण वर्ष 2019-20 के लिए रिटर्न नहीं फाइल कर पाएंगे।
अगर रिटर्न जमा करने की तारीख निकल गई यानी 31 अगस्त तक रिटर्न नहीं फाइल हुआ तो एक सितंबर से 31 दिसंबर 2019 के बीच रिटर्न दाखिल करने पर 5,000 रुपये विलंब शुल्क लगेगा। इसके बाद 31 मार्च 2020 तक 10,000 रुपये विलंब शुल्क देकर ही रिटर्न फाइल किया जा सकेगा। विलंब शुल्क के अलावा कर दाताओं पर 5000 रुपये पेनाल्टी भी लगेगी। हालांकि पांच लाख से कम आय वालों के लिए विलंब शुल्क एक हजार रुपये होगा लेकिन पेनाल्टी उन्हें भी 5000 रुपये ही देनी होगी।
समय से रिटर्न फाइल करने के लाभ
समय पर रिटर्न फाइल करने के लाभ हैं। बैंक से ऋण मिलने में आसानी होती है। अधिकांश दूतावास वीजा आवेदन में दो-तीन वर्ष के आयकर रिटर्न की प्रतियां मांगते हैं। समय से रिटर्न दाखिल करने वालों रिटर्न में त्रुटि होने पर संशोधन की छूट मिलती है। विलंब से रिटर्न जमा करने वालों को यह छूट नहीं मिलती।
आयकर भेजेगा नोटिस तो दाखिल करना होगा रिटर्न
रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है। नोटिस भेजे जाने के बाद रिटर्न अनिवार्य रूप से दाखिल करना होगा और तब विलंब शुल्क एवं जुर्माना देना पड़ेगा। इसके अलावा विभाग तीन महीने से दो वर्ष तक कारावास के नियमों के तहत अभियोजन की कार्रवाई कर सकता है। 25 लाख रुपये से अधिक कर जमा करने वाले कर दाताओं के लिए अभियोजन की अवधि सात वर्ष तक हो सकती है।
इनका ये है कहना
रिटर्न में किसी को विलंब नहीं करना चाहिए। इससे वे नुकसान हो सकते हैं जिनके बारे में आम व्यक्ति सोचता तक नहीं। लेट रिटर्न तो 31 मार्च तक जमा हो जाएगा लेकिन उसके कई नुकसान भी हैं जिनका बाद में असर दिखता है।
- दीप कुमार मिश्रा, अध्यक्ष, कानपुर इनकम टैक्स बार एसोसिएशन।