एक विद्यालय, एक प्रधानाध्यापिका और 700 बच्चे, कुछ ऐसी है बेसिक शिक्षा की तस्वीर
कानपुर महानगर के सजारी स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में एकमात्र शिक्षिका पर सात सौ बच्चों का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी है।
कानपुर, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों का यह दावा, कि विभाग की ओर से सब कुछ बेहतर किया जा रहा है,जमीनी हकीकत से इतर है। एक ओर तमाम विद्यालय ऐसे हैं जहां छात्रों की संख्या कम है तो दूसरी ओर कई विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या मानक से अधिक हैै। इसका उदाहरण पूर्व माध्यमिक विद्यालय सजारी की प्रधानाध्यापिका निहारिका सिंह हैैं जो 700 बच्चों को अकेले पढ़ा रहीं हैं। एक शिक्षिका के कंधों पर इतने बच्चों के भविष्य का जिम्मा होना सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है।
निहारिका ने बताया कि वर्ष 2012 में जब उनकी विद्यालय में नियुक्ति हुई थी तब विद्यालय में 262 बच्चे थे और उन्हें लेकर तीन शिक्षक तैनात थे। वर्ष 2013-14 में शेष दोनों शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए। इसके बाद वर्ष 2014 में एक प्रधानाध्यापक को चार्ज मिला पर उनके खिलाफ तमाम शिकायतें होने के चलते वह हटा दिए गए। तब से निहारिका अकेले ही विद्यालय को देखती हैंं। निहारिका के मुताबिक वर्ष 2017-18 में छात्रों की संख्या 301 थी। 2018-19 में 306, 2019-20में यह संख्या 520 तक पहुंच गई। मौजूदा समय में इस विद्यालय में छात्र-छात्राओं की संख्या 700 हो गई है। निहारिका के साथ तीन विद्यादानी भी बच्चों को पढ़ा रहे हैैं।
- -पूर्व माध्यमिक विद्यालय सजारी में इतनी अधिक छात्र संख्या के बाद भी शिक्षक न होना अचंभित करता है। इस मामले पर स्कूल महानिदेशक से बात करके जल्द किसी शिक्षक को विद्यालय में तैनात किया जाएगा। -डॉ.पवन तिवारी, बीएसए