Move to Jagran APP

अव्यवस्था और लापरवाही मिलने पर आइजी ने साइबर थाने से आधे स्टाफ को हटाया

निरीक्षण के दौरान मिली लापरवाही और अव्यवस्था काम करने के बजाए फरमा रहे थे आराम नहीं हो रही थी पीड़ितों की सुनवाई आइजी ने बताया कि उनके पास लगातार शिकायतें आ रही थीं कि थाना आए दिन बंद रहता है तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं होता

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 11:10 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 11:10 PM (IST)
निलंबित करने के आदेश को दर्शाती सांकेतिक तस्वीर

कानपुर, जेएनएन। साइबर अपराधों पर शिकंजा कसने के लिए बनाए गए साइबर थाने में पीड़ितों की न तो सुनवाई हो रही थी और न जांचों पर ही काम हो रहा था। सोमवार की देर शाम को आइजी ने जब थाने का औचक निरीक्षण किया तो अव्यवस्था और लापरवाही के अलावा कुछ भी देखने को नहीं मिला। इसके बाद रात को आइजी ने साइबर थाने में तैनात आधे स्टॉफ को हटा दिया।

loksabha election banner

अब स्थिति ये हो गई है कि दोबारा से नए लोगों की तैनाती की जाएगी। बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश और पीड़ितों की जल्द न्याय के उद्देश्य से पिछले दिनों कानपुर समेत कई महानगरों में साइबर थानों की स्थापना की गई थी। आइजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि उनके पास लगातार शिकायतें आ रही थीं कि थाना आए दिन बंद रहता है। शिकायत लेकर पहुंचे पीड़ितों को बैंरग लौटा दिया जाता है। उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं होता। इसके अलावा दर्ज मुकदमों में जांचें जहां की तहां लटकी हैं। इन शिकायतों के बाद उन्होंने सोमवार को साइबर थाने का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान आम लोगों द्वारा की गई शिकायतें सही पाई गई। ऐसे में लापरवाही बरतने वाले निरीक्षक जगदीश चंद्र यादव के अलावा अनिरुद्ध पाल, राजबहादुर सिंह, कुलदीप, अमित कुमार, रीना, प्रीतम सिंह, शीतला देवी और उपमा चौहान को हटाकर उनके तैनाती जनपद कानपुर वापस लौटा दिया गया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.