अव्यवस्था और लापरवाही मिलने पर आइजी ने साइबर थाने से आधे स्टाफ को हटाया
निरीक्षण के दौरान मिली लापरवाही और अव्यवस्था काम करने के बजाए फरमा रहे थे आराम नहीं हो रही थी पीड़ितों की सुनवाई आइजी ने बताया कि उनके पास लगातार शिकायतें आ रही थीं कि थाना आए दिन बंद रहता है तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं होता
कानपुर, जेएनएन। साइबर अपराधों पर शिकंजा कसने के लिए बनाए गए साइबर थाने में पीड़ितों की न तो सुनवाई हो रही थी और न जांचों पर ही काम हो रहा था। सोमवार की देर शाम को आइजी ने जब थाने का औचक निरीक्षण किया तो अव्यवस्था और लापरवाही के अलावा कुछ भी देखने को नहीं मिला। इसके बाद रात को आइजी ने साइबर थाने में तैनात आधे स्टॉफ को हटा दिया।
अब स्थिति ये हो गई है कि दोबारा से नए लोगों की तैनाती की जाएगी। बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश और पीड़ितों की जल्द न्याय के उद्देश्य से पिछले दिनों कानपुर समेत कई महानगरों में साइबर थानों की स्थापना की गई थी। आइजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि उनके पास लगातार शिकायतें आ रही थीं कि थाना आए दिन बंद रहता है। शिकायत लेकर पहुंचे पीड़ितों को बैंरग लौटा दिया जाता है। उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं होता। इसके अलावा दर्ज मुकदमों में जांचें जहां की तहां लटकी हैं। इन शिकायतों के बाद उन्होंने सोमवार को साइबर थाने का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान आम लोगों द्वारा की गई शिकायतें सही पाई गई। ऐसे में लापरवाही बरतने वाले निरीक्षक जगदीश चंद्र यादव के अलावा अनिरुद्ध पाल, राजबहादुर सिंह, कुलदीप, अमित कुमार, रीना, प्रीतम सिंह, शीतला देवी और उपमा चौहान को हटाकर उनके तैनाती जनपद कानपुर वापस लौटा दिया गया है।