बसपा नेता अनुपम दुबे को दिया गया रासुका का आदेश, दो माह पहले तत्कालीन डीएम ने की थी संस्तुति
फतेहगढ़ के मोहल्ला कसरट्टा निवासी अनुपम दुबे के खिलाफ जिला प्रशासन ने 43 मुकदमों का आपराधिक इतिहास दर्शाकर 25 सितंबर को रासुका की कार्रवाई की थी। शासन से अनुमोदन के लिए पत्रावली सलाहकार बोर्ड को भेजी गई थी।
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता। पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार और इंस्पेक्टर हत्याकांड के आरोप में जिला जेल मैनपुरी में बंद बसपा नेता पर लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) का आदेश विवेचक ने जेल जाकर दे दिया है। तत्कालीन जिलाधिकारी ने दो माह पहले यह कार्रवाई करते हुए पत्रावली उत्तर प्रदेश सरकार के सलाहाकार बोर्ड को भेजी थी। मामले में सुनवाई करते हुए अंडर सेक्रेटरी सभापति बिंद ने रासुका को वैध मानते हुए तामील कराने के आदेश दिए थे।
फतेहगढ़ के मोहल्ला कसरट्टा निवासी अनुपम दुबे के खिलाफ जिला प्रशासन ने 43 मुकदमों का आपराधिक इतिहास दर्शाकर 25 सितंबर को रासुका की कार्रवाई की थी। शासन से अनुमोदन के लिए पत्रावली सलाहकार बोर्ड को भेजी गई थी। बचाव पक्ष ने उनकी ओर से कई तथ्य दिए थे। बोर्ड ने सभी तथ्यों को सुनने के बाद 22 नवंबर को रासुका की कार्रवाई को अनुमोदन दे दिया। जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया कि वह तत्काल मैनपुरी जिला जेल पहुंचकर कार्रवाई के संबंध में आरोपित को समन तामील कराएं। बसपा नेता के अधिवक्ता जितेंद्र ङ्क्षसह चौहान ने बताया कि एडवाइजरी बोर्ड का आदेश प्राप्त हुआ। इस मामले में उच्च न्यायालय जाएंगे।