खूब खाएं ये बिस्कुट, चाकलेट और चिक्की, अब नहीं बढ़ेगा शुगर
सीएसए के फूड साइंस एंड न्यूट्रीशन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर ने स्टेविया (मीठी तुलसी) की पत्ती से बनाए बिस्कुट, चाकलेट और चिक्की।
विक्सन सिक्रोडिय़ा, कानपुर। मधुमेह रोगियों को अब मिठाई खाने में अतिरिक्त सावधानी नहीं बरतनी होगी। वह खूब मीठा खाएं फिर भी उनकी डायबिटीज स्थिर रहेगी। सुनने में भले यह अटपटा लगे लेकिन सीएसए कृषि विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर ने अपने शोध से यह सच कर दिखाया है।
यह संभव होगा स्टेविया यानि मीठी तुलसी से
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में गृह विज्ञान महाविद्यालय के फूड साइंस एंड न्यूट्रीशन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. सीमा सोनकर ने इस पर शोध किया है। एक साल के रिसर्च में उन्होंने मीठी तुलसी की पत्तियों से बेसन के लड्डू, बिस्कुट, चॉकलेट, चिक्की व बंद बनाए हैं, जो मिठास के बावजूद मधुमेह को नियंत्रित रखते हैं। इसमें कैलोरी जीरो प्रतिशत होती है और शक्कर की तुलना में मिठास 25 से 30 फीसद अधिक होती है। इन उत्पादों का उन्होंने मधुमेह रोगियों पर परीक्षण भी किया है।
एक पत्ती ही एक कप चाय के लिए पर्याप्त
प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण में यह पाया गया कि मीठी तुलसी में कई ऐसे आवश्यक खनिज हैं जो शरीर को लाभ पहुंचाते हैं। इसमें चीनी की तरह कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बिल्कुल नहीं होती। शोध कार्य के लिए स्टेविया की पत्ती मुहैया कराने वाले सीएसए के भूमि संरक्षण एवं जल प्रबंधन विभाग के प्रोफेसर डा. मुनीष गंगवार ने बताया कि मीठी तुलसी की एक पत्ती ही एक कप चाय को पर्याप्त मीठा कर सकती है।
30 से 60 वर्ष की उम्र के मरीजों पर परीक्षण
असिस्टेंट प्रोफेसर डा. सीमा सोनकर ने बताया कि स्टेविया से बने पदार्थों का परीक्षण 30 से 60 वर्ष की उम्र के मधुमेह रोगियों पर किया गया। इन्हें बेसन के लड्डू, बंद, चिक्की, चाय और बिस्कुट खिलाए गए। इसके बाद उनका रक्त ग्लूकोज (डायबिटीज) टेस्ट लिया गया। लगातार तीन दिन के परीक्षण में यह बिल्कुल ही स्थिर रहा। परीक्षण में 30 से 40 साल की उम्र के पांच, 40 से 50 वर्ष की उम्र के 13 व 50 से 60 वर्ष की उम्र के 14 मरीज शामिल थे। सीएसए विवि के कुलपति प्रो. सुशील सोलोमन कहते हैं कि स्टेविया की पत्ती से उत्पाद बनाने के लिए सीएसए ने काम करना शुरू कर दिया है। इसे आम आदमी तक पहुंचाए जाने की तैयारी की जा रही है।
स्टेविया पत्ती में पाए जाने वाले तत्व
- खनिज तत्व : सौ ग्राम में 11 मिलीग्राम
- प्रोटीन : सौ ग्राम में 10 ग्राम
- फायदे : प्राकृतिक मिठास का अनुभव होता है, मधुमेह रोगियों के अलावा अधिक वजन वाले व हृदय रोगी भी इससे बने पदार्थ खा सकते हैं।