केडीए को अरबों का चूना लगा चुका रैकेट, अब भूखंडों की जियो टैगिंग की तैयारी
कानपुर विकास प्राधिकरण पहले चरण में व्यावसायिक भूखंडों को चिन्हित करेगा फर्जी रजिस्ट्री वाले भूखंड खाली कराए जाएंगे।
कानपुर, जेएनएन। केडीए भूखंडों की फर्जी दस्तावेज से रजिस्ट्री अवैध निर्माण रोकने के लिए खाली पड़े भूखंडों की जियो टैंगिंग करने जा रहा है। इसके लिए पहले चरण में योजनाओं में व्यावसायिक भूखंडों को चिन्हित करके जियो टैंगिंग की जाएगी ताकि पता चल सकेगा कि अभी कितने भूखंड बिके है या बचे है। इसके बाद खाली पड़े आवासीय भूखंडों व फ्लैट की भी जियो टैगिंग की जाएगी।
सक्रिय रैकेट केडीए को अब तक अरबों रुपये का चूना लगा चुका है। फर्जी दस्तावेज के माध्यम से रजिस्ट्री कराके लोगों को बेच दी। जूही कला, पनकी, किदवईनगर, में कई फर्जी रजिस्ट्री के मामले पकड़े गए है। मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। इस मामले में कई कर्मचारियों और दलालों की जांच चल रही है। इंदिरानगर, लखनपुर, साकेत नगर, पनकी में अभी भी कई भूखंड खाली पड़े है। इनको चिन्हित करने के लिए केडीए ने एक कंपनी से योजनावार जांच कराई थी।
इसके अलावा ड्रोन से भी जांच हुई थी, लेकिन बाद में जांच दब गई। इस दौरान किदवईनगर समेत कई योजनाओं मे खाली भूखंड मिले थे। उत्तर प्रदेश सेंटर ऑफ जियो इंफोमेंटिक्स की स्थापना की गई है इसमें विकास प्राधिकरण की परिसंपत्तियों की जियो टैंगिंग कराई जाएगी। इस बाबत केडीए सचिव ने सभी विक्रय प्रभारियों को आदेश दिए है कि ग्रुप हाउसिंग, व्यावसायिक, होटल, नर्सिंग होम स्कूल, कॉलेज और सामुदायिक सुविधाओं के अनावंटित भूखंडों का जियो टैगिंग की जाएगी। वहीं क्राइम ब्रांच ने फर्जी रजिस्ट्री की जांच शुरू कर दी है। एेसे भूखंडों को केडीए ने चिन्हित कर लिया है। खाली पर कब्जा लिया जा चुका है। अवैध निर्माण को गिराकर कब्जा लेने की तैयारी की जा रही है।