कैंसर के इलाज में रेडिएशन से अब अच्छी कोशिका को नहीं पहुंचेगा नुकसान
यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन में भारतीय वैज्ञानिक डॉ. अर्चना शर्मा कर रहीं काम प्रोट्रान थेरेपी को मरीजों तक पहुंचाने के लिए आइआइटी व एम्स भी जुड़ेंगे।
कानपुर, जेएनएन। कैंसर के इलाज में अब दूसरी कोशिका को नुकसान नहीं होगा। इलाज के दौरान वह पूरी तरह सुरक्षित रहेंगी। रेडिएशन से केवल वही कोशिकाएं खत्म होंगी, जिनमें कैंसर का संक्रमण होगा। प्रोट्रॉन थेरेपी से यह संभव है। यूएस, यूके व जर्मनी जैसे विकसित देशों में इसके जरिए इलाज शुरू हो चुका है। भारत में भी इक्का दुक्का केंद्रों पर प्रोट्रॉन थेरेपी की जा रही है, लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जरूरत कहीं अधिक है। यह जानकारी यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन जिनेवा में भारतीय वैज्ञानिक डॉ. अर्चना शर्मा ने आइआइटी में दी।
भारत में प्रोट्रान थेरेपी आसानी से मरीजों तक पहुंचे, इसके लिए डॉ. अर्चना शर्मा जिनेवा से भारत आई हैं। उन्होंने बताया कि आइआइटी व एम्स जैसे संस्थानों के साथ मिलकर इस पर काम किया जा सकता है क्योंकि इसमें भौतिकशास्त्री, टेक्नोक्रेट व चिकित्सा विशेषज्ञ तीनों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। अभी तक कैंसर के इलाज में दूसरी कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचता है, जिससे समस्या ठीक होने के बजाय कई बार और बढ़ जाती है, लेकिन प्रोट्रॉन थेरेपी से इसका खतरा नहीं रहता। उन्होंने बताया कि वह इसी उद्देश्य से भारत आई हैं। आइआइटी निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर से इस संबंध में वार्ता करेंगी।