कानपुर में अब हर स्कूल को 11वीं में बढ़ानी होंगी 20 फीसद सीटें, यूपी बोर्ड पर पड़ेगा प्रभाव
सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड ने भी इस सत्र में 10वीं के छात्रों की परीक्षाएं नहीं कराईं। स्कूलों में ही इन छात्रों का रिजल्ट तैयार हो रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि इन बोर्ड के भी सभी छात्रों को पास कर दिया जाएगा।
कानपुर, जेएनएन। नए सत्र में जब 11वीं की कक्षाएं संचालित होंगी, तो यूपी बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों को लगभग 20 फीसद सीटें बढ़ानी होंगी। इसका मुख्य कारण इस सत्र में 10वीं के करीब 50 हजार परीक्षार्थियों को प्रोन्नत किया जाना है। माध्यमिक शिक्षा विभाग से संबद्ध स्कूलों के प्रधानाचार्यों का कहना था, कि वैसे तो हर साल जब यूपी बोर्ड का परिणाम जारी होता था तो औसतन 80 फीसद परीक्षार्थी पास होते थे। हालांकि, कोरोना महामारी के चलते जब बोर्ड की ओर से इस सत्र में सभी परीक्षार्थियों को प्रोन्नत किए जाने का फैसला किया गया है तो लाजिमी है 11वीं में सीटों की संख्या भी बढ़ानी होगी।
सीबीएसई व आइसीएसई में 10 फीसद अतिरिक्त सीटें होंगी: सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड ने भी इस सत्र में 10वीं के छात्रों की परीक्षाएं नहीं कराईं। स्कूलों में ही इन छात्रों का रिजल्ट तैयार हो रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है, कि इन बोर्ड के भी सभी छात्रों को पास कर दिया जाएगा। जब, सभी छात्र पास होंगे तो 11वीं में सभी प्रवेश भी लेंगे। इसलिए निजी स्कूल संचालकों को करीब 10 फीसद अतिरिक्त सीटों पर प्रवेश देना होगा।
इन आंकड़ों को भी देखें:
- यूपी बोर्ड की ओर से 10वीं में कुल परीक्षार्थियों को शामिल होना था: लगभग 50 हजार
- सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में 10वीं के कुल परीक्षार्थियों को शामिल होना था: करीब 10 हजार
- आइसीएसई बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने वाले 10वीं के परीक्षार्थियों की संख्या: पांच हजार
इनका ये है कहना
निश्चित तौर पर स्कूलों को नए सत्र से 11वीं में सीटों की संख्या बढ़ानी होगी। हालांकि इस सत्र में जो परिणाम जारी होंगे, वह भी चौंकाने वाले होंगे। - सतीश तिवारी, डीआइओएस