अब आपकी सेहत का भी ध्यान रखेंगे कपड़े, शरीर पर नहीं चिपक पाएंगे बैक्टीरिया और वायरस
यूपी होजरी एसोसिएशन ने कोयंबटूर में देखी फैब्रिक में केमिकल कोटिंग जिससे बदल जाएंगे कपड़े के गुण।
कानपुर, [विक्सन सिक्रोडिय़ा]। कोरोना संक्रमण के चलते वस्त्र उद्योग की सूरत भी बदल जाएगी। अब ऐसे कपड़े तैयार किए जाएंगे, जो शरीर को तो आराम दें ही, बैक्टीरिया व वायरस से भी बचाएं। यूपी होजरी एसोसिएशन के पदाधिकारी कोयंबटूर के एक इंस्टीट््यूट में केमिकल कोङ्क्षटग की प्रक्रिया देख चुके हैं। यही कोटिंग कपड़ों में वायरस को चिपकने से रोकेगी और हमें बीमारी से दूर करेगी।
कोरोना से मुकाबले के लिए खुद को बदलेगा टेक्सटाइल उद्योग
केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी भी समय के साथ बदलने की सलाह वस्त्र उद्योग को दे चुकी हैं। टेक्सटाइल उद्यमी व तकनीकी विशेषज्ञ मोहित चावला बताते हैं कि अब आराम देने के साथ ही सुरक्षा देने वाले कपड़ों की मांग बढ़ेगी। लिहाजा, फैब्रिक में केमिकल कोटिंग करके एंटी बैक्टीरियल कपड़े बनाए जा सकते हैं। यूपी होजरी एसोसिएशन की टीम केमिकल कोटिंग की प्रक्रिया देखने के बाद उसमेंं प्रयुक्त रसायन भी बना लिया है। अभी यह यूरोप में बनता है। उन्होंने बताया कि क्वालिटी की मांग करने वाले ग्राहक अब हाईजीन को लेकर अलर्ट हैं। जिम, योग व व्यायाम से जुड़े गारमेंट की डिमांड बढऩा तय है। जिला एक जिला उत्पाद में होजरी व वस्त्र उद्योग शामिल होने के बाद टेक्निकल टेक्सटाइल बनाना व उसकी इंटरनेशनल प्रदर्शनी लगाना व मार्केटिंग करना आसान हो जाएगी।
यूपी में गारमेंट हब बनने की उम्मीद
टेक्सटाइल उद्यमी विनय अग्रवाल कहते हैं कि बदलती जरूरतों के अनुसार काम के लिए उद्यमी तैयार हैं। इंतजार तो बाजार खुलने का है। उम्मीद है कि यूपी में कानपुर व लखनऊ में गारमेंट हब बनेगा। ज्यादातर उद्यमी और श्रमिक भी यहीं रहकर काम चाहते हैं।
गुजरात व पंजाब से लौटे श्रमिकों को मिलेगा काम
टेक्सटाइल उद्यमी संदीप करीवाल का कहना है कि उद्योग शुरू हुए तो गुजरात व पंजाब से घर लौटे कामगारों को यहीं काम मिलेगा। शहर में उत्पाद की गुणवत्ता की जांच के लिए लैब की भी जरूरत है।
हाईटेक ट्रीटमेंट प्लांट बनने से पकड़ेगा रफ्तार
उद्यमी गौतम अरोड़ा का कहना है कि डाइंग इंडस्ट्रीज के लिए हाईटेक कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट बनें। इसमें रसायन का इस्तेमाल होता है, इसलिए ट्रीटमेंट प्लांट बनाकर दिया जाना चाहिए।