150 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा अबतक की चोट, अब आमने-सामने ओमिक्रोन और पर्यटन
कोरोना काल में सबसे ज्यादा 150 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठा चुके पर्यटन कारोबार पर एक बार फिर ओमिक्रोन की दस्तक से संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पर्यटन कारोबार पर पड़े असर को बता रही है ये खास रिपोर्ट।
कोविड-19 के चलते इस साल पर्यटन को हुआ 150 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान। जैसे-तैसे पर्यटन के क्षेत्र ने मजबूती पकड़ी, मगर अब ओमिक्रोन के चलते पर्यटन पर एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं, इसपर पेश है ललित मौर्या का विशेष आलेख।
इस साल कोविड-19 के चलते वैश्विक स्तर पर पर्यटन को 150 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा। यह जानकारी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्लूटीओ) द्वारा जारी रिपोर्ट में सामने आई है। वल्र्ड टूरिज्म बैरोमीटर के इस नवीनतम संस्करण के अनुसार, यदि 2020 की तुलना में देखें तो जुलाई से सितंबर 2021 के बीच अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन में करीब 58 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि इसके बावजूद वो 2019 की तुलना में करीब 64 फीसद कम है।
यदि इस क्षेत्र के वैश्विक जीडीपी में योगदान की बात करें तो यह करीब 4 फीसद है जिसकी कुल वैल्यू 2019 में करीब 262.7 लाख करोड़ रुपए थी। हालांकि 2020 में महामारी के चलते इसमें करीब 50 फीसद की गिरावट आ गई थी, जब यह घटकर वैश्विक जीडीपी का करीब 1.8 फीसद हिस्सा ही रह गया था। वहीं 2021 में इसके दो फीसद रहने का अनुमान है। यही नहीं वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में आए उछाल और आपूर्ति शृंखलाओं में आए व्यवधान ने भी दुनियाभर में पर्यटन को प्रभावित किया है। आंकड़ों से पता चला है कि 2019 की तुलना में 2021 के दौरान अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन में करीब 70 से 75 फीसद की कमी आने का अनुमान है, गौरतलब है कि 2020 में भी इसी तरह की गिरावट दर्ज की गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, यदि इस वर्ष अगस्त और सितंबर की बात करें तो पर्यटकों का आगमन 2019 में इस अवधि की तुलना में करीब 63 फीसद कम था। देखा जाए तो महामारी के बाद से यह पहला मौका है जब पर्यटन के क्षेत्र में इतना सुधार देखने को मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, पर्यटन से होने वाली आय में 2020 के दौरान भी लगभग 2021 जितनी ही गिरावट आई थी जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि इस महामारी ने पर्यटन क्षेत्र को अन्य की तुलना में कुछ ज्यादा ही प्रभावित किया है। इसमें कोई शक नहीं कि पिछले कुछ महीनों के दौरान इस क्षेत्र में एक बार फिर से सुधार आना शुरू हुआ था, पर वैश्विक स्तर पर टीकाकरण में व्याप्त असमानता इसे फिर से प्रभावित कर सकती है।
ओमिक्रोन के चलते पर्यटन पर एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। 24 नवंबर को सामने आए इस वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन (बी.1.1.529) के चलते इस क्षेत्र पर अनिश्चितता के बादल गहराने लगे हैं। निश्चित रूप से पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से देश अपनी सीमाओं को दूसरे देशों के नागरिकों के लिए बंद कर रहे हैं उसका सीधा असर पर्यटन क्षेत्र पर भी पड़ेगा। वहीं यदि जनवरी से सितंबर 2021 के बीच के आंकड़ों को देखें तो 2020 की तुलना में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन करीब 20 फीसद थे, जो वर्ष के शुरुआती छह महीनों में आई 54 फीसद की गिरावट की तुलना में स्पष्ट तौर पर आए सुधार की ओर इशारा करता है।
यदि क्षेत्रीय आंकड़ों को देखें तो यूरोप में जनवरी से सितंबर 2021 के बीच पर्यटकों का आगमन 2020 में समान अवधि के तुलना में केवल 8 फीसद और 2019 की तुलना में करीब 69 फीसद कम था। यूरोप में पर्यटन के क्षेत्र में आए इस सुधार के लिए कहीं हद तक डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र ने काफी मदद की है जिसने टीकाकरण की मदद से यूरोपियन यूनियन के अंदर मुक्त आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में योगदान दिया है। वहीं यदि अमेरिका की बात करें तो वहां पर्यटन के क्षेत्र में काफी सुधार देखने को मिला है जब पर्यटकों का आगमन 2020 की तुलना में एक फीसद बढ़ गया है हालांकि वो अभी भी 2019 की तुलना में 65 फीसद कम है।
यूएनडब्ल्यूटीओ महासचिव, जुराब पोलोलिकाश्विली के अनुसार, 2021 की तीसरी तिमाही में जो आंकड़े सामने आए हैं वे उत्साहजनक हैं। हालांकि अभी भी पर्यटकों का आगमन महामारी से पहले के स्तर से करीब 76 फीसद कम है। साथ ही वैश्विक स्तर पर इसमें अभी भी असमानता देखी जा सकती है। उनके अनुसार कोविड-19 के बढ़ते मामलों और नए वैरिएंट के बावजूद हमें हिम्मत नहीं छोडऩी चाहिए। हमें इस बात के प्रयास करने होंगे कि दुनिया में ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन मिल सके और टीकाकरण में व्याप्त असमानता को दूर किया जा सके। -साभार: डाउन टू अर्थ