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महज बारिश नहीं, ये बूंदें जिंदगी हैं.

महज बारिश नहीं, ये बूंदें जिंदगी की हैं.. जरा सा प्रयास कर लेंगे तो हम कानपुर का गिरता भू-जलस्तर थम कर बढ़ा सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 02:03 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 02:03 AM (IST)
महज बारिश नहीं, ये बूंदें जिंदगी हैं.

जागरण संवाददाता, कानपुर : महज बारिश नहीं, ये बूंदें जिंदगी की हैं.. जरा सा प्रयास कर लेंगे तो हम कानपुर का गिरता भू-जल स्तर थाम कर उसे बढ़ा सकते हैं। जी हां, जल समस्या के समाधान के लिए सरकारी मशीनरी के साथ अब जनता को भी भागीदारी निभानी होगी। पानी का महत्व समझना होगा। बारिश की हर बूंद को सहेजना होगा। नहीं तो भविष्य में पीने के पानी के लिए और जूझना होगा। अभी चेत जाएंगे तो भूजल बच जाएगा। भूगर्भ जल दोहन को कम करने के साथ ही बारिश के पानी को पाताल तक पहुंचाना होगा। प्राकृतिक स्तर से मिले जल का प्रयोग करें। इस मानसून सब लोग ऐसा प्रयास करें कि इस जिंदगी को सहेज लें।

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थोड़ा धन खर्च करके बचाए बारिश की बूंदें

बो¨रग व नलकूप के जरिए कुदरती भूगर्भ जल भंडार को हम लगातार खाली कर रहे हैं। थोड़ा धन व्यय करके व बारिश के पानी को भूगर्भ जल स्त्रोतों में पहुंचाकर सुरक्षित कर सकते हैं। पाताल में पहुंचाया पानी भविष्य में काम आएगा। सूखते भूगर्भ जल भंडारों के सरंक्षण के लिए छतों पर गिरने वाले बारिश के जल को नाली में बहने के बजाए उसको बचाए। सौ से तीन सौ वर्गमीटर की छत के लिए एक रिचार्ज चैंबर बनाकर बोरवेल के जरिए रिचार्जिग कराई जा सकती है। इस तकनीक पर 15 से 30 हजार रुपये का एकमुश्त खर्च आ सकता है। घर के आस-पास कोई सूखा कुंआ मौजूद हो तो उसे सीधे रिचार्ज के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।

जल की समस्या के समाधान के लिए सुझाव

0 वर्षा जल संचयन व रिचार्जिग स्ट्रक्चर के निर्माण के साथ ही उसके आस-पास के क्षेत्र मे पौधरोपण का कार्य किया जाए।

0 उपलब्ध परम्परागत जल स्त्रोतों की डीसिल्टिंग व मरम्मत का कार्य कराया जाए।

0 सूखे कुओं की सफाई करके उन्हें रिचार्ज स्ट्रक्चर के रूप में प्रयोग करके जल की बचत की जाए।

0 जनता को वर्षा जल संचयन, रिचार्जिग व जल की खपत को कम करने के उपायों के बारे में प्रशिक्षित किया जाए। जिसके लिए वृहद स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाने की आवश्यकता है।

बारिश जल को एकत्रित करने की पुरानी प्रणाली अपनाई जाए

0 घर के लान को कच्चा रखें

0 घर के बाहर सड़कों के किनारे कच्चे रखें।

0 पार्को में रिचार्ज ट्रेंच बनाई जाए।

यह व्यवस्था की जाए

0 भूगर्भ जल नियंत्रण व नियमन लागू कर अंधाधुंध दोहन पर अंकुश लगाया जाए।

0 भूजल दोहन कम करके सीमावर्ती क्षेत्रों में नलकूप लगाकर आपूर्ति की व्यवस्था की जाए।

रोजमर्रा के घरेलू कार्यो में जल बचत

0 दंत मंजन करते, दाढ़ी बनाते समय नलों को कम से कम खोले व मग का इस्तेमाल करें।

0 बर्तन को मांजते समय नल बंद रखे, जब धुलाई करनी हो तब ही बर्तन में पानी भरकर सफाई करे।

0 गाड़ी की धुलाई पाइप लगाकर न करें, बल्कि बाल्टी में पानी लेकर गाड़ी साफ करें।

0 कम पानी की खपत वाले फ्लश सिस्टम का प्रयोग करें, इसमें दस लीटर पानी बचेगा।

0 पानी की टंकी में वाल्व अंवश्य लगाएं, पानी को ओवर फ्लो न कराएं।

उद्योग व व्यावसायिक क्षेत्रों में जल बचत के टिप्स

0 औद्योगिक प्रयोग में लाए गए जल का शोधन कर उसका उपयोग करें।

0 मोटर गैराज में गाड़ियों की धुलाई से निकले जल की सफाई करके पुन: प्रयोग में लाएं।

0 वाटर पार्क व होटल में प्रयुक्त होने वाले जल का उपचार करके बार-बार प्रयोग में लाएं।

भूगर्भ जल रिचार्ज के लाभ

0 भूजल स्तर गिरावट की वार्षिक दर कम किया जा सकता है।

0 भूगर्भ जल उपलब्धता व पेय जलापूर्ति की मांग के अंतर को कम किया जा सकता है।

0 भूगर्भीय जल स्ट्रेटा को पुनर्जीवित किया जा सकेगा।

जन सहभागिता जरूरी

'जन जागरूकता और जन सहभागिता से ही भूगर्भ जलस्तर बढ़ाया सकता है। अगर कहीं पानी की बर्बादी हो रही है, तो उसको रोकने की जरूरत है। क्योंकि जल है तो कल है। इसे नहीं रोका गया तो भविष्य में पानी का संकट हो जाएगा।'

-अवधेश कुमार, अधिशासी अभियंता, भूगर्भ जल विभाग


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