Kanpur के औद्योगिक क्षेत्रों में पार्किंग नहीं, विकास योजना तैयार करते समय बरती गई लापरवाही, भुगत रहे उद्यमी
कानपुर के औद्योगिक क्षेत्रों में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। इससे जाम भी विकास की राह को रोक रहा है। वहीं विकास योजना तैयार करते समय बरती गई लापरवाही अब परेशानी बढ़ा रही है। जिसका खामियाजा उद्यमी भुगत रहे है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। औद्योगिक क्षेत्रों की विकास योजना तैयार करते समय की गई लापरवाही, अब सबसे बड़ी परेशानी बन चुकी है। शहर के किसी भी औद्योगिक क्षेत्र में आज तक वाहन पार्किंग स्थल का विकास नहीं कराया गया।
इससे यहां आने वाले वाहन कई दिनों तक सड़कों पर ही खड़े रहते हैं। इससे जाम लगता है और उद्यमी गतिविधियों की रफ्तार पर भी असर पड़ता है।
औद्योगिक क्षेत्रों में हर रोज कम से कम 10 हजार ट्रकों का आना-जाना होता है। कच्चा माल लाने से लेकर तैयार माल ढोने के लिये ट्रकों की औद्योगिक क्षेत्रों में आवाजाही होती है लेकिन फजलगंज से लेकर पनकी की साइट एक से पांच तक और दादानगर क्षेत्र में कहीं भी भारी वाहनों की पार्किंग नहीं है।
भारी वाहनों के लिए निर्धारित पार्किंग स्थल नहीं होने से चालक अपने ट्रकों को सड़कों पर जहां-तहां खड़ा कर देते हैं। इसमें क्षेत्र की प्रमुख व चौड़ी सड़कें भी शामिल हैं। सड़क के किनारे वाहनों के खड़े रहने से जाम भी लगता है और अक्सर हादसे भी होते रहते हैं।
नो एंट्री भी है मुसीबत : सभी औद्योगिक क्षेत्र अब शहर के आंतरिक हिस्सों में शामिल हो चुके हैं। इसके चलते शहर में नेशनल हाईवे से भारी वाहनों का प्रवेश पूरे दिन प्रतिबंधित रहता है। वाहन चालकों को रात नौ से सुबह नौ बजे तक आवागमन की छूट रहती है।
इस वजह से वाहन चालक जब माल लेकर औद्योगिक क्षेत्र में आ जाते हैं तो उतारने के बाद भी तब तक बाहर नहीं निकलते जब तक उन्हें दूसरा लोड नहीं मिल जाता है। इस कारण कई बार वह दो से तीन दिन तक औद्योगिक क्षेत्र में ही सड़कों पर पार्किंग किये रहते हैं। कंटेनर डिपो वाले ट्रकों के साथ समस्या ज्यादा बड़ी है। उनकी लंबाई भी अधिक है।
औद्योगिक क्षेत्र के खाली पार्क का करें इस्तेमाल : औद्योगिक क्षेत्रों का नियोजन करते समय सरकारी विभागों ने जगह-जगह पर छोटे पार्क बना रखे हैं लेकिन इनमें से अधिकांश का विकास नहीं हो सका है। ऐसे में उद्यमियों का कहना है कि कुछ पार्क को अगर ट्रक पार्किंग में बदल दिया जाए तो समस्या का समाधान हो सकता है। इससे कुछ पार्क की संख्या कम होगी लेकिन सड़क पर लगने वाले जाम और हादसों को रोका जा सकेगा।
उद्यमी बोले-
औद्योगिक क्षेत्रों में भारी वाहन पार्किंग का विकास कराया जाना चाहिए। लघु उद्योग भारती की ओर से इस बारे में अधिकारियों को मांग पत्र सौंपा जाएगा। फैक्ट्रियों के सामने लगने वाले जाम का खामियाजा उद्यमियों को भुगतना पड़ रहा है।- हरेंद्र मूरजानी, प्रदेश उपाध्यक्ष , लघु उद्योग भारती
फजलगंज क्षेत्र में तो ट्रकों के साथ बसों की पार्किंग ने समस्या पैदा कर रखी है। आंतरिक सड़कों से लेकर बड़ी सड़कों पर भी ट्रक की बाडी बनने लगी हैं। वाहन पार्किंग की स्थायी व्यवस्था की जानी चाहिए।- उमंग अग्रवाल , महामंत्री फीटा उद्योग संघ
औद्योगिक क्षेत्रों के विकास में सरकारी विभाग अब भी वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं कर रहे हैं। शहर में वाहन पार्किंग के लिए बंद पड़ी सरकारी मिलों की खाली जमीन का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे बंद मिलों को भी आय होने लगेगी।- मनीष कटारिया, महामंत्री , यूपी मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन