अपनों से मिलने की फिर टूटी आस, कानपुर जेल में अभी कोई नहीं जा पाएगा बंदियों के पास
कोरोना काल के बाद भी जिंदगी के ढर्रे पर आ गई है लेकिन जेल में बंदियों से अभी मिलाई नहीं हो पाएगी। स्वजनों से वीडियो कॉलिंग और मोबाइल पर ही बंदियों से बातचीत व मुलाकात कराई जा रही है।
कानपुर, जेएनएन। जेल में बंदियों से मिलाई की उम्मीद एक बार फिर टूट गई है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए जेल प्रशासन ने कम से कम होली तक मिलाई की सुविधा शुरू न करने का फैसला लिया है। इससे बंदियों के स्वजनों को निराशा हाथ लगी है।
कोरोना संक्रमण के चलते सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद जेल में बंदियों व कैदियों से मिलाई की व्यवस्था को अस्थाई रूप से समाप्त कर दिया गया था। तब से बंदियों को उनके परिजनों से वाया वीडियो व ऑडियो कॉल बातचीत कराई जा रही है। पिछले तीन-चार महीनों से कोरोना संक्रमण के बावजूद लगभग सभी व्यवस्थाएं दोबारा से पुराने ढर्रे पर चल पड़ी हैं।
ऐसा कुछ भी नहीं जो दोबारा से पटरी पर न लौट आया हो, लेकिन जेल में अभी मिलाई की व्यवस्था शुरू होने के कोई हालात नहीं दिखाई पड़ रहे हैं। जो कुछ संभावनाएं बन रही थीं, वह पिछले दिनों कोरोना संक्रमण के नए मामले आने के बाद पूरी तरह से समाप्त हो गई हैं। जेल अधीक्षक आरके जायसवाल ने बताया कि जेल प्रशासन ने होली तक मिलाई न शुरू करने का फैसला लिया है। तब तक बंदियों को उनके स्वजनों से वीडियो कॉलिंग या मोबाइल पर बातचीत ही कराई जाएगी।
मिलाई ना होने से तनाव में है बंदी
जेल में लगभग नौ महीने से मिलाई बंद है. स्वजनों से न मिल पाने की वजह से बंदियों में तनाव की समस्या देखी जा रही है. जेल के डॉक्टर लगातार ऐसे बंदियों पर नजर रख रहे है, जो कि अपनों से न मिल पाने के कारण तनाव में है। कई बंदियों का इसके चलते इलाज भी शुरू करना पड़ा है।