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उन्नाव में एनजीटी की बड़ी कार्रवाई, भारत केमिकल पर 19.85 करोड़ का जुर्माना

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उन्नाव की मेसर्स भारत केमिकल उद्योग पर कार्रवाई करते हुए 19.85 करोड़ का जुर्माना लगाया है। फैक्ट्री ने हजारों टन औद्योगिक कचरा कानपुर देहात के रनियां में ले जाकर फेंका गया था। उद्योग के पार्टनरों को नोटिस दी गई है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 01:50 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 01:50 PM (IST)
प्रदूषण फैलाने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कार्रवाई की है।

उन्नाव, जागरण संवाददाता। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अकरमपुर-चकरमपुर औद्योगिक क्षेत्र में संचालित मेसर्स भारत केमिकल उद्याेग पर 19.85 करोड़ का जुर्माना लगाया है। एनजीटी की संस्तुति के बाद प्रदूषण अधिकारियों ने नोटिस संबंधित उद्योग में पांच सहभागियों को भेज दी है। एनजीटी ने यह कार्रवाई उद्योग संचालित कर कानपुर देहात के रनियां में हजारों टन औद्योगिक कचरा फेंक कर प्रदूषण फैलाने की पुष्टि होने के बाद की है।

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उन्नाव के अकरमपुर-चकरमपुर औद्योगिक क्षेत्र में मेसर्स भारत केमिकल उद्योग नामक फैक्ट्री कई साल पूर्व संचालित थी। उद्योग के सहभागियों तरन्नुम फातिमा पत्नी शहाबुद्दीन, शहाबुद्दीन पुत्र मोहम्मद नफीस, इफ्तेखार, इकबाल अहसान व वकारुल अमीन निवासी मजीद अहमद रोड कानपुर नगर के विरुद्ध मानक विहीन तरीके से क्रोम डिस्पोज करने के आरोप लगा एनजीटी में याचिका दायर हुई थी। तभी से एनजीटी में इसकी सुनवाई की जा रही थी। सुनवाई के दौरान एक कमेटी गठित कर मामले की जांच कराई थी। रिपोर्ट में क्रोम डिस्पोज करने में भारी लापरवाही की पुष्टि हुई थी। जिस पर एनजीटी द्वारा कंपनी के सभी सहभागियों पर 19 करोड़ 85 लाख 25 हजार 772 रुपये का जुर्माना लगाते हुए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों को रिकवरी के निर्देश दिये हैं। विभागीय अधिकारियों ने इंडस्ट्री को नोटिस भी जारी कर दी है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राधेश्याम ने बताया कि एनजीटी के आदेश की प्रतियां सभी सहभागियों को भेज दी गई है।

फेंका था चार हजार मीट्रिक टन कचरा : एनजीटी ने सुनवाई के दौरान जांच कराई कि कंपनी ने कितना औद्योगिक कचरा कानपुर देहात के रनियां में डंप किया था। इसमें साफ हुआ कि करीब 4411.684 मीट्रिक टन कचरा उन्नाव से वाहनों द्वारा ले जाकर रनियां में डंप किया गया था। इस पर एनजीटी ने इस कचरे से हुई पर्यावरणीय क्षति का आकलन कराकर क्षतिपूर्ति लगाई है।


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