वाणिज्य कर अधिकारियों को अगले की चिंता, यह वर्ष पूरा नहीं
मार्च का माह सभी सरकारी विभागों के लिए ज्यादा से ज्यादा राजस्व एकत्र करने का होता है। हर अधिकारी और कर्मचारी इसी में परेशान होता है कि कैसे दिए गए लक्ष्य को पूरा कर लिया जाए
By Edited By: Published: Fri, 16 Mar 2018 05:19 PM (IST)Updated: Fri, 16 Mar 2018 11:13 PM (IST)
कानपुर। मार्च का माह सभी सरकारी विभागों के लिए ज्यादा से ज्यादा राजस्व एकत्र करने का होता है। हर अधिकारी और कर्मचारी इसी में परेशान होता है कि कैसे दिए गए लक्ष्य को पूरा कर लिया जाए लेकिन वाणिज्य कर विभाग ने अपने अधिकारियों को अगले वित्तीय वर्ष के लिए लक्ष्य तय करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए अगले तीन दिनों में पूरे बारह माह की रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेजी जानी है। वाणिज्य कर विभाग के पास इस समय अपनी राजस्व वसूली का जबरदस्त दबाव है। शासन स्तर से चाहे वीडियो कांफ्रेंसिंग हो या मौखिक और लिखित हर बार राजस्व बढ़ाने के लिए ही निर्देश आते हैं। इसी बीच मुख्यालय से अगले वित्तीय वर्ष के लिए लक्ष्य तय करने के निर्देश आ गए हैं। अधिकारी भी हैरान हैं कि अभी जब चालू वित्तीय वर्ष ही पूरा नहीं हुआ है, अगले वित्तीय वर्ष के लक्ष्य बनाने और राजस्व संग्रह की बातें होने लगी हैं। जिस समय सचल दल छापे मारने और जाच में जुटे हैं और कर निर्धारण की टीमें टैक्स एसेसमेंट कर रही हैं, उसी बीच सभी को यह भी निर्देश आ गया है कि वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 में सचल दल इकाइयों ने जो राजस्व संग्रह किया था, उसके आधार पर ही अगले वित्तीय वर्ष का क्रमिक राजस्व संग्रह का प्लान बना लिया जाए। इसमें पंजीकृत और अपंजीकृत कारोबारियों से कितने धन का संग्रह किया गया, उसको आधार बनाया जाए। अब अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह इस समय चालू वित्तीय वर्ष में अपने राजस्व के टारगेट को पूरा करने में अधिकारियों और कर्मचारियों को लगाए या जो नया आदेश आया है, उसके लिए टीम को जुटाए। वैसे अधिकारियों का मानना है कि विभाग अभी से यह अंदाजा लगा लेना चाहता है कि अगले वित्तीय वर्ष में उसे कितना राजस्व मिलेगा और वह उस लक्ष्य को कितना आगे बढ़ा सकता है।
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