गेहूं व मटर की नई प्रजाति होगी ज्यादा फायदेमंद
जागरण संवाददाता, कानपुर : 'पिछले कुछ वर्षो से यह देखने में आया कि तापमान अचानक से बढ़ने से गेहू
जागरण संवाददाता, कानपुर : 'पिछले कुछ वर्षो से यह देखने में आया कि तापमान अचानक से बढ़ने से गेहूं की तैयार फसल में बाली के अंदर बनने वाला दूध सूख जाता है। इससे कहीं न कहीं फसल भी खराब हो जाती है। इससे बचने के लिए चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में गेहूं की प्रजाति -1317 को विकसित किया जाएगा। गेहूं की इस उन्नति प्रजाति की बोआई व कटाई में कम पानी लगेगा। इसके अलावा मटर की प्रजाति आजाद पी-3 को भी विकसित करने की तैयारी है। यहां एक करोड़ रुपये से बनने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में इन्हें तैयार किया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से उक्त राशि विश्वविद्यालय को देने के लिए घोषणा हो चुकी है।' शनिवार को यह बातें मुख्य अतिथि कृषि राज्यमंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह ने कहीं। वह भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान में आयोजित कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा-2018 कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा देखने में आया है इन दिनों जो मौसम रहता है, उसमें तापमान का उतार-चढ़ाव बना रहता है। कहीं न कहीं फसलें भी प्रभावित होती हैं। बोले, आने वाले समय में किसानों की तमाम ऐसी समस्याओं का निदान हो सकेगा। सरकारी मशीनरी इस दिशा में कवायद कर रही है। इसके अलावा जैविक खेती पर भी जोर दिया जा रहा है। सरकार द्वारा आलू का समर्थन मूल्य 549 रुपये प्रति क्विंटल तय किए जाने को उन्होंने किसानों के लिए फायदेमंद बताया। इतना ही नहीं, किसानों का मोबाइल नंबर सहित डेटाबेस तैयार करने के भी निर्देश दिए। विशिष्ट अतिथि विधायक नीलिमा कटियार, संस्थान के निदेशक डा.एनपी सिंह आदि मौजूद रहे।
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1000 किसानों ने देखा लाइव प्रसारण
कार्यक्रम में मौजूद हमीरपुर, फतेहपुर, बांदा समेत अन्य जिलों के करीब 1000 किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 नए कृषि विज्ञान केंद्रों के आधारशिला रखे जाने, तमाम कुलपतियों, वैज्ञानिकों, शोध संस्थानों के निदेशकों को दिए गए संबोधन का सजीव प्रसारण देखा।
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दलहन की बंपर पैदावार पर जतायी खुशी
कृषि राज्य मंत्री व विधायक ने दलहन की बंपर पैदावार होने पर खुशी जतायी। निदेशक डा.सिंह ने कहा 2018-19 तक दलहन का उत्पादन लगभग 25 मिलियन टन होने की उम्मीद है।