#Good News: दिव्यांगों का काम और आसान करेंगे खास तरह के सॉफ्टवेयर और एप
एआइटीडी रिसर्च सेंटर में दिव्यांगों के लिए ऐसे सॉफ्टवेयर बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है जिससे औद्योगिक इकाइयों के साथ कारखानों में भी मदद ली जा सकेगी। इसके लिए शोध के प्रारूप की योजना तैयार हो गई और डॉ. ओम हरि को समन्वयक बनाया गया है।
कानपुर, जेएनएन। शासन और एकेटीयू के सहयोग से डॉ. आंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर दिव्यांगजन (एआइटीडी) में खुलने वाले रिसर्च सेंटर में दिव्यांगों के लिए सॉफ्टवेयर बनेंगे। खास तरह के एप और सॉफ्टवेयर से दिव्यांगों का काम आसान होगा। नेत्र दिव्यांगों के लिए भी विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किया जाएगा। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर साइंस के विशेषज्ञों का सहयोग लिया जाएगा।
मंगलवार को इसके लिए सभी विभागाध्यक्षों की बैठक हुई। प्रो. ओम हरि को सेंटर का समन्वयक बनाया गया। अन्य विभाग की फैकल्टी भी सहयोग करेगी। दिव्यांगों के लिए आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, मैथमेटिकल मॉडलिंग आधारित सॉफ्टवेयर होंगे। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की ओर से रिसर्च सेंटर के निर्माण के लिए करीब 1.80 करोड़ रुपये का सहयोग किया जा रहा है।
सेंटर स्ववित्त पोषित आधार पर संचालित किया जाएगा। इसके माध्यम से जहां शहर के अन्य संस्थानों के पीएचडी शोधार्थी भी शोध के लिए शामिल हो सकेंगे, वहीं औद्योगिक इकाइयां और कारखाने भी मदद ले सकेंगे। उनके उत्पादों की गुणवत्ता और कच्चे माल की विश्वसनीयता परखी जाएगी। बायोटेक्नोलॉजी में कई तरह के बैक्टीरिया पर काम हो रहा है। इससे खेतों में मिट्टी के बैक्टीरिया, उनकी मददगार क्षमता का आकलन किया जाएगा।
सौर उर्जा पर होगा काम
संस्थान में सौर उर्जा के उपकरण लगाए जाएंगे, जिनसे बिजली का अपनी जरूरत के मुताबिक उपभोग हो सकेगा। बाकी बची बिजली ग्रिड पर चली जाएगी। इससे बिजली बिल के रूप में होने वाले खर्च में कमी आएगी।