जानिए नए वित्तीय वर्ष में कैसा होगा जीएसटी का रिटर्न फॉर्म
इनकम टैक्स बार एसोसिएशन की गोष्ठी में बोले चेयरमैन संतोष गुप्ता, 31 मार्च 2019 तक इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए किया जा सकता दावा।
By Edited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 12:07 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 11:19 AM (IST)
कानपुर,जेएनएन। नए वित्तीय वर्ष से जीएसटी का नया सरल रिटर्न फार्म लागू होगा। यह जानकारी सोमवार को कानपुर इनकम टैक्स बार एसोसिएशन की आयकर भवन में आयोजित गोष्ठी में जीएसटी कमेटी के चेयरमैन संतोष गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि यदि किसी कारोबारी के वित्तीय वर्ष 2017-18 के इनपुट टैक्स क्रेडिट दावे छूट गए हों तो वे उसके लिए मार्च 2019 तक दावा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जीएसटी के वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की तिथि 31 मार्च 2019 से बढ़ाकर 30 जून 2019 की गई है। इसके साथ ही रिफंड के दावों और उसके निस्तारण की प्रक्रिया में भी संशोधन किए गए हैं। दूसरे सत्र में सीए मलय गुप्ता ने बताया कि वस्तु पर लागू समाधान राशि की सीमा एक करोड़ से डेढ़ करोड़ की गई है। सेवा के क्षेत्र में भी समाधान योजना लागू कर उसका विस्तार किया जा रहा है। अब 50 लाख रुपये तक प्राप्त करने वाले पंजीकृत सेवा प्रदाता इसका लाभ उठा सकते हैं। यह एक अप्रैल से प्रभावी होगी।
इसके साथ ही समाधान वाले कारोबारी त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करने से मुक्त किए जा रहे हैं। इन्हें रिटर्न वार्षिक जमा करना होगा लेकिन टैक्स हर तीन माह में जमा करना होगा। इसके साथ ही पंजीयन सीमा बीस लाख से बढ़ाकर चालीस लाख की जा रही है। जीएसटी काउंसिल ने राज्य को पंजीयन सीमा बढ़ाने का अधिकार दिया है। सेवा के मामले में यह सीमा 20 लाख ही रहेगी। गोष्ठी की अध्यक्षता गोविंद कृष्णा ने की। संचालन महामंत्री अवधेश मिश्रा ने किया। इस मौके पर अनिल साहू, रंजीत सिंह, जयशंकर द्विवेदी, प्रेम गुप्ता, अनिल सिंह, अजय गुप्ता, सुनील त्रिवेदी, बीएल द्विवेदी आदि रहे।
उन्होंने कहा कि जीएसटी के वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की तिथि 31 मार्च 2019 से बढ़ाकर 30 जून 2019 की गई है। इसके साथ ही रिफंड के दावों और उसके निस्तारण की प्रक्रिया में भी संशोधन किए गए हैं। दूसरे सत्र में सीए मलय गुप्ता ने बताया कि वस्तु पर लागू समाधान राशि की सीमा एक करोड़ से डेढ़ करोड़ की गई है। सेवा के क्षेत्र में भी समाधान योजना लागू कर उसका विस्तार किया जा रहा है। अब 50 लाख रुपये तक प्राप्त करने वाले पंजीकृत सेवा प्रदाता इसका लाभ उठा सकते हैं। यह एक अप्रैल से प्रभावी होगी।
इसके साथ ही समाधान वाले कारोबारी त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करने से मुक्त किए जा रहे हैं। इन्हें रिटर्न वार्षिक जमा करना होगा लेकिन टैक्स हर तीन माह में जमा करना होगा। इसके साथ ही पंजीयन सीमा बीस लाख से बढ़ाकर चालीस लाख की जा रही है। जीएसटी काउंसिल ने राज्य को पंजीयन सीमा बढ़ाने का अधिकार दिया है। सेवा के मामले में यह सीमा 20 लाख ही रहेगी। गोष्ठी की अध्यक्षता गोविंद कृष्णा ने की। संचालन महामंत्री अवधेश मिश्रा ने किया। इस मौके पर अनिल साहू, रंजीत सिंह, जयशंकर द्विवेदी, प्रेम गुप्ता, अनिल सिंह, अजय गुप्ता, सुनील त्रिवेदी, बीएल द्विवेदी आदि रहे।
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