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सात करोड़ का व्यापार प्रभावित होने का दावा कर नौबस्ता गल्ला मंडी को छह दिन के लिए किया बंद

नौबस्ता गल्ला मंडी के अंदर 2.5 फीसद शुल्क का विरोध कर रहे आढ़तिए सचिव को ज्ञापन देकर कहा मंडी शुल्क को खत्म कराया जाए उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष के आह्वान पर किया प्रदर्शन और बंदी का लिया निर्णय

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 12:34 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 08:29 AM (IST)
मंडी बंद कर सचिव सत्यपाल गंगवार को ज्ञापन देते आढ़तिए

कानपुर, जेएनएन। मंडी के अंदर ढाई फीसद शुल्क लिये जाने के विरोध में आढ़तियों ने सोमवार से नौबस्ता गल्ला मंडी छह दिन के लिए बंद कर दी। इस दौरान आढ़तियों ने धरना देकर नारेबाजी भी की। नवीन गल्ला मंडी व्यापार मंडल के प्रवक्ता महेश कुमार गुप्ता ने दावा किया कि बंदी की पहले दिन करीब सात करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ।

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जून के पहले सप्ताह में मंडी के बाहर कारोबार पर मंडी शुल्क को खत्म कर दिया गया है, लेकिन मंडी के अंदर ढाई फीसद शुल्क लिया जा रहा है। इसके विरोध में आढ़तियों ने नौ से 11 जुलाई तक भी बंदी की थी लेकिन कुछ सफलता नहीं मिली थी। अब उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्याम बिहारी मिश्रा के आह्वान पर फिर 21 से 26 सितंबर तक की बंदी की गई है। सोमवार को आढ़तियों ने अपनी दुकानें बंद कर मंडी सचिव कार्यालय के सामने धरना दिया। नारेबाजी के बीच उन्होंने कहा कि जिस तेजी से मंडी के अंदर का कारोबार घट रहा है। उससे तो यह मंडी ही बंद हो जाएगी। नौबस्ता गल्ला मंडी में करीब 500 दुकानें हैं। आढि़तयों ने मंडी सचिव सत्यपाल गंगवार को ज्ञापन भी दिया।

धरना देने वालों में नवीन गल्ला मंडी व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र त्रिवेदी, महामंत्री कृपाशंकर त्रिवेदी, चेयरमैन सियाराम गुप्ता के अलावा उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष मुकुंद मिश्रा, मंडल अध्यक्ष विजय पंडित, नगर अध्यक्ष टीकमचंद सेठिया, नौघड़ा कपड़ा कमेटी अध्यक्ष शेष नारायण त्रिवेदी, सत्य प्रकाश जायसवाल, राम, मीनू गुप्ता,रामचंद्र गुप्ता, रोहित गुप्ता, आशू गुप्ता, रहे। मंडी सचिव ने बताया कि मंडी शुल्क को लेकर आढ़तियों ने दुकानें बंद की हैं।


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