नैक मूल्यांकन नहीं कराया तो रोक दिया जाएगा कालेजों का अनुदान
लखनऊ में नैक के सदस्यों, शासन के अफसरों और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने संयुक्त रूप से लिया निर्णय।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से मूल्यांकन न कराने वाले कॉलेजों का अनुदान रोक दिया जाएगा। यह निर्णय लखनऊ में हुई बैठक में नैक के सदस्यों, शासन के अफसर और विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने संयुक्त रूप से लिया।
बैठक में भाग लेकर लौटीं छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बताया कि इस निर्णय में शासकीय सहायता प्राप्त और राजकीय महाविद्यालयों के साथ सेल्फ फाइनेंस कॉलेज भी शामिल होंगे। चाहे उनके खिलाफ कोई कार्रवाई हुई हो या न हुई लेकिन नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं किया तो अनुदान रुकने के साथ-साथ ऐसे सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों को नए पाठ्यक्रम की मान्यता भी नहीं दी जाएगी जो पांच वर्ष से संचालित हैं।
नैक मूल्यांकन में यूपी की स्थिति बेहद खराब
नैक मूल्यांकन में यूपी की स्थिति बेहद खराब है। यह जानकारी नैक के सदस्यों ने शासन के अफसरों को दी। कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता के मुताबिक नैक की ओर से कॉलेजों की राज्य स्तर पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसमें उत्तर प्रदेश का स्थान सबसे नीचे है।
घबराएं नहीं, सुधार के लिए है मूल्यांकन
प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बताया कि बैठक में एक पक्ष ये भी सामने आया कि नैक मूल्यांकन को लेकर कॉलेज संचालक घबराते हैं कि उनकी कमियां सामने आ जाएंगी। इस पर सभी ने सुझाव दिया कि नैक मूल्यांकन का मुख्य उद््देश्य कॉलेजों में उपलब्ध सुविधाओं में सुधार करना है।