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Muslims Wedding: आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की पहल, निकाह से पहले छह माह का तरबियती काेर्स

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड छह माह का तरबियती (शिष्टाचार) सिखाने का कोर्स बना रहा इसमें मुस्लिम युवाओं व युवतियों की काउंसिलिंग के लिए कार्यशालाएं आयोजित होंगी। इससे शादीशुदा जिंदगी को खुशहाल बनाने को लेकर कवायद की जा रही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 09:59 AM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 09:59 AM (IST)
Muslims Wedding: आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की पहल, निकाह से पहले छह माह का तरबियती काेर्स
निकहा से पहले शिष्टाचार की सीख से तलाक और तकरार रोकने की कवायद।

कानपुर, [मोहम्मद दाऊद खान]। अब मुस्लिम युवाओं-युवतियों के सफल वैवाहिक जीवन के लिए आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड तरबियती (शिष्टाचार) सिखाने का छह माह का कोर्स तैयार किया जा रहा है। उन्हें निकाह से पहले शिष्टाचार सिखाया जाएगा, जिससे बेवजह तलाक और तकरार के मामले रोके जा सकें। नवविवाहित जोड़ों को शरीयत की रोशनी में जिंदगी गुजारने के तरीके बताएं जाएंगे। हर शहर में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। महिलाओं के लिए विशेष रूप से दीनी इज्तेमा (संगोष्ठी) आयोजित की जाएंगी।

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आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड निकाह को आसान बनाने, गलत रस्मों को खत्म कर समाज को सुधारने की मुहिम काफी समय से चला रहा है। लोगों को सादगी से निकाह करने और दहेज का लेनदेन बंद करने को लेकर जागरूक किया जा रहा है। शादी के बाद जिंदगी खुशहाल रखने, तलाक और तकरार की नौबत रोकने को भी बोर्ड ने कवायद शुरू की है।

बोर्ड तरबियती कोर्स से हर शहर में युवक-युवतियों को जोड़ेगा। विशेषकर उन्हें यह कोर्स कराया जाएगा, जिनका निकाह होने वाला है या कुछ दिन पहले ही हो चुका है। कोर्स के माध्यम से शरई मार्गदर्शन कर छोटे-छोटे झगड़ों व मतभेद से मामला तलाक तक पहुंचने से रोका जाएगा। शादीशुदा जिंदगी बेहतर बनाने की कोशिश होगी। कार्यशालाएं आयोजित कर काउंसिलिंग की जाएगी। इसमें आपसी मतभेद दूर कर जिंदगी बेहतर तरीके से गुजारने के तरीके बताए जाएंगे।

-शादीशुदा मुस्लिमों में घरेलू झगड़ों की संख्या बढ़ रही है। कई मामलों में नौबत तलाक तक पहुंच जाती है। उन्हें तरबियत (शिष्टाचार) कोर्स के माध्यम से समझाया जाएगा। छह माह का कोर्स तैयार किया जा रहा है, जल्द ही इसे पढ़ाने की शुरुआत की जाएगी। कोर्स करने वाले युवक-युवतियों को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। उनकी काउंसिलिंग भी की जाएगी, ताकि और बेहतर समाज का निर्माण हो सके। -हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी, शहरकाजी व नगर अध्यक्ष, जमीयत उलमा।


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