भारतीय टीम के सेलेक्टर रहे गोपाल शर्मा की जुबानी जानिए धौनी के चयन की कहानी
Indian Cricket News क्रिकेटर गोपाल शर्मा ने बताया सेलेक्टर रहते उनकी पैरवी ने धौनी को टीम इंडिया में एंट्री की राह दिखाई थी।
कानपुर, [अंकुश शुक्ल]। भारत को एकदिवसीय और टी-20 क्रिकेट का विश्व विजेता का खिताब दिलाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धौनी भले ही रांची से नाता रखते हैं, लेकिन उन्हें विश्वस्तरीय पहचान दिलाने में कानपुर का भी अहम योगदान रहा है। उस समय भारतीय टीम के चयनकर्ता गोपाल शर्मा बताते हैं कि उन्होंने माही के हुनर को परखा और भारतीय टीम में एंट्री दिलाई।
पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर और वर्ष 2004-05 में भारतीय टीम के चयनकर्ता रहे कानपुर निवासी गोपाल शर्मा ने बताया कि टीम चयन के समय महेंद्र सिंह धौनी के खेल से वह बेहद प्रभावित हुए थे। इसके बाद उनके चयन को लेकर प्रमुखता से बात रखी थी। उनके हरी झंडी दिखाने के बाद टीम में धौनी को प्रवेश मिला था। पूर्व क्रिकेटर गोपाल बताते हैं कि जयपुर में साउथ अफ्रीका के साथ प्रेसीडेंट कप चल रहा था, उस मैच में धौनी ने बल्लेबाजी और विकेट कीपिंग का शानदार प्रदर्शन कर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था।
धौनी की बल्लेबाजी करने का तरीका दूसरे बल्लेबाजों से अलग था। इसीलिए उन्हें टीम इंडिया में मौका देना सही समझा गया। टीम चयन के समय किरन मोरे और यशपाल शर्मा सरीखे दिग्गज क्रिकेटरों के बीच धौनी की काबिलियत और उनके प्रदर्शन को आधार मानकर टीम में जगह देने की बात उन्होंने ही रखी थी। बताया कि जब धौनी को इसकी जानकारी हुई तो मौका देने के लिए आभार भी जताया था।
ग्रीनपार्क में बतौर कप्तान टीम को दिलाई थी जीत
ग्रीनपार्क में वर्ष 2008 में महेंद्र सिंह धौनी को पहली बार टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपी गई थी। दक्षिण अफ्रीका सरीखी टीम के खिलाफ कैप्टन कूल ने पहली कप्तानी में ही जीत दर्ज कर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। क्रिकेट क्षेत्र के जानकार बताते हैं कि वो धौनी की टेस्ट कप्तानी का पहला मैच था, जिसमें भारत ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद धौनी ने वर्ष 2007-08 में पाकिस्तान, 2008 में इंग्लैंड, 2009 में श्रीलंका और 2013 में वेस्टइंडीज की टीम को भी ग्रीनपार्क में पटखनी देकर अपना विजयी अभियान जारी रखा।