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इंसान और जानवर के बीच प्यार के कई किस्से सुनेंगे पर फतेहपुर का ये किस्सा है कुछ अलग

फतेहपुर में सेवानिवृत्त शिक्षक और उनके पालतू प्रेम कहानी और अंत सुनने वालों की आंखें नम हो गईं।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 04:47 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 04:47 PM (IST)
इंसान और जानवर के बीच प्यार के कई किस्से सुनेंगे पर फतेहपुर का ये किस्सा है कुछ अलग
इंसान और जानवर के बीच प्यार के कई किस्से सुनेंगे पर फतेहपुर का ये किस्सा है कुछ अलग

फतेहपुर, जेएनएन। इंसान और जानवरों के बीच प्यार के कई किस्से सुनेंगे। हाथी, कुत्ता और बंदर को लेकर फिल्में भी बन चुकी हैं। लेकिन, फतेहपुर में मालिक और पालतू बंदर का किस्सा एकदम अलग ही है। कस्बा ही नहीं आसपास क्षेत्र में जिसने भी उनके प्यार और अंत का किस्सा सुना उसकी आंखें नम हो गईं। इस समय पूरे शहर में बंदर और शिक्षक की प्रेम कहानी की चर्चा हर जुबान पर है।

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निसंतान शिक्षक ने बेटे की तरह पाला बंदर

आज जब भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसानी रिश्ते कमजोर पड़ रहे हैं और सोशल मीडिया के दौर में रिश्ते निभाने का समय नहीं है, वहीं जानवर अंतिम सांस तक साथ निभा रहे हैं। ऐसी ही घटना फतेहपुर के खागा में किशुनपुर कस्बे की। यहां पाखरतले मोहल्ला में 75 वर्षीय शिवराज सिंह सेवानिवृत्त प्रवक्ता थे और उनके कोई संतान नहीं थी। परिवार में वह वृद्ध पत्नी शांती देवी के साथ रहते थे। शिवराज सिंह को जीवों से बेहद प्रेम था और वह बंदर का बच्चा घर ले आए। शिवराज अपने बेटे की तरह उसे पालने लगे और उसे सोनू नाम दिया।

शिक्षक को चिढ़ाने वाले बच्चों पर कर देता था हमला

शिवराज रोजाना उठते है और बंदर के साथ पूरा दिन बिताते। कभी पढ़ाते तो कभी साथ बिठाकर खाना खिलाते। बंदर भी उनके साथ अठखेलियां करता। धीरे धीरे बंदर बड़ा हो गया। इधर गली के बच्चे अगर शिक्षक से कुछ अभद्रता करते तो बंदर उनपर हमला कर देता था। इसपर पड़ोसियों ने आपत्ति जताई तो शिवराज थोड़ा अखरा था। शिवराज की भी तबियत ठीक नहीं रहने लगी। इसपर आठ माह पहले परिवार के सदस्य बंदर को दूर खागा के जंगल में छोड़ आए थे। चार दिन पहले खागा में छोड़ा गया सोनू ठिकाना तलाशते हुए फिर किशुनपुर में अपने मालिक के पास आ गया था।

मालिक के साथ ही सोनू ने भी छोड़ दी दुनिया

परिवार के लोगों ने बताया कि मंगलवार की शाम वयोवृद्ध शिवराज और बंदर सोनू साथ बैठे फल खा रहे थे। इस बीच अचानक शिवराज सिंह के सीने में दर्द उठा और वह बेहोश हो गए। परिजन पास पहुंचे तो कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई। घर के लोगों में कोहराम मच गया। चीख-पुकार के बीच सोनू बंदर भी मालिक से चिपककर सिर झुकाकर बैठ गया। शव से लिपटे सोनू ने काफी देर तक प्रतिक्रिया नहीं दी तो लोग सशंकित हो गए। लोगों ने सोनू को हिलाया-डुलाया लेकिन फिर भी कोई हरकत नहीं हुई। यह देखकर लोग हैरत में पड़ गए कि मालिक की मौत के सदमे में बंदर ने भी प्राण त्याग दिए थे। बुधवार को रीति-रिवाज के साथ परिवार वालों ने दोनों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया।


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