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बुंदेलखंड के चार जिलों में बायोगैस प्लांट से मिलेगी गैस और बिजली, जानिए कितने रुपये का आएगा खर्च

गोबर गैस प्लांट स्थापित किए जाने को लेकर डीपीआरओ कार्यालय में तैनात जिला सलाहकार विशाल ने बबेरू के बड़ागांव व नरैनी के रगौली भटपुरा गांव का निरीक्षण कर यहां संचालित स्थाई गोशालाओं को देखा गया। बताते हैं कि इन दोनों गोशालाओं मे गोवंश की संख्या काफी ज्यादा है।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 03:30 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 03:30 PM (IST)
बुंदेलखंड के चार जिलों में बायोगैस प्लांट से मिलेगी गैस और बिजली, जानिए कितने रुपये का आएगा खर्च
बांदा में कुछ इसी तरह से बनेगा बायोगैस प्लांट।

बांदा, जेएनएन। केंद्र सरकार की गोबर-धन योजना से बुंदेलखंड के चार जिलों में बायोगैस प्लांट की स्थापना की जाएगी। योजना में उन गांवों को शामिल किया जाएगा। जहां गोशालाएं व पशुओं की आबादी अधिक है। गोबर- धन योजना से प्रदेश के 36 जिलों में गोबर गैस प्लांट की स्थापना पूरी की जानी है। इनमें बुंदेलखंड के चार जिले बांदा, झांसी, ललितपुर व जालौन को शामिल किया गया है। इस संबध में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के मिशन निदेशक ने मुख्य विकास अधिकारियों को पत्र जारी कर योजना के क्रियान्वयन व गोबर धन सेल के दायित्वों को लेकर अवगत कराया है।

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ग्राम पंचायतों की बढ़ेगी आय:  जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में इस योजना का काम देख रहे सलाहकार विशाल बताते हैं कि गोबर गैस प्लांट जिस क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा संबंधित ग्राम पंचायतों को इससे उत्पादित गैस व बिजली से आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। गोबर गैस से पैदा होने वाली बिजली व गैस को सरकारी विभागों व प्रतिष्ठानों को बेचा जा सकता है।

प्लांट लगाने में खर्च होंगे 50 लाख: गोबर-धन योजना से लगने वाले गोबर गैस प्लांंट को स्थापित करने में करीब 50 लाख रुपये खर्च होंगे। इसके अतिरिक्त गोबर धन 2020 वेस्ट टू वेल्थ कार्यक्रम के तहत चयनित जिलों में कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट तथा को- आपरेटिव बेस्ड़ कलस्टर मॉडल बायोगैस लगाए जाने हैं।

डीएम की अध्यक्षता में बनी समिति: गोबर धन परियोजना से जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित हो गई है। समिति में जिला पंचायत राज अधिकारी को सदस्य सचिव बनाया गया है। इनके अलावा मुख्य विकास अधिकारी सहित जिले के कई प्रमुख विभागों के अधिकारी शामिल हैं। एक जिला पंचायत सदस्य, दो ब्लाक प्रमुख व तीन ग्राम प्रधान भी सदस्य बनाए गए हैं।

बड़ागांव व रगौली भटपुरा का किया निरीक्षण: गोबर गैस प्लांट स्थापित किए जाने को लेकर डीपीआरओ कार्यालय में तैनात जिला सलाहकार विशाल ने बबेरू के बड़ागांव व नरैनी के रगौली भटपुरा गांव का निरीक्षण कर यहां संचालित स्थाई गोशालाओं को देखा गया। बताते हैं कि इन दोनों गोशालाओं मे गोवंश की संख्या काफी ज्यादा है।

इनका ये है कहना: 

गोबर गैस प्लांट स्थापित किए जाने के निर्देश निदेशालय स्तर से मिले हैं। जिले में स्थल चयन की प्रकिया चल रही है। उन गांवों को देखा गया है जहां गोशालाएं व पशुओं की आबादी अधिक है। - सर्वेश कुमार पांडेय, जिला पंचायत राज अधिकारी बांदा। 


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