बसपा से गठबंधन पर संकट को लेकर चिंतित सपा विधायकों ने कही ये बात
कानपुर के विधायकों ने अभी संयम और दायित्व बोध से काम लेने की बात कही है।
कानपुर, जेएनएन। सपा-बसपा गठबंधन पर मंडराते खतरे ने सपा विधायकों को चिंता में डाल दिया है। लोकसभा चुनाव में भले ही मन मुताबिक कामयाबी नहीं मिली, लेकिन गठबंधन के साथ प्रदेश के चुनाव में उतरने को तैयार बैठे सपा विधायक गठबंधन को बरकरार रखना चाहते हैंं। इसलिए वे अभी संयम और दायित्वबोध की बात कर रहे हैं।
बसपा की ओर से गठबंधन तोडऩे के संकेत मिलने के बाद से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा नेता जहां इस पर चुटकी ले रहे हैं, वहीं सपाइयों के खेमे में चिंता है। क्योंकि विधानसभा चुनाव में वे मिलकर चुनाव लडऩा चाहते हैं। इस विषय पर सपा से आर्यनगर के विधायक अमिताभ बाजपेयी ने बातचीत में कहा कि परिणाम जब विपरीत आते हैं तो गलती दूसरे की निकाली जाती है।
खोट भी दूसरे में देखे जाते हैं। इस वक्त संयम बरतने की जरूरत है, दायित्व बोध को समझते हुए हमें मंथन करना चाहिए कि हम कहां कमजोर रहे। जो कुछ हो रहा है वह ठीक नहीं है। विधायक इरफान सोलंकी ने कहा कि इस मुद्दे पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है, लेकिन पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव जो भी फैसला लेंगे वह उचित होगा, किसी को गठबंधन को लेकर फिजूल की बातें नहीं करनी चाहिए।
नौशाद हुए मुक्त, पांच नए सेक्टर प्रभारी बनाए
लोकसभा चुनाव में कानपुर और आसपास की सीटों पर करारी हार के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने बदलाव शुरू कर दिए हैं। इस कड़ी में जोनल कोआर्डिनेटर का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे नौशाद अली को मुक्त कर दिया गया है। अब वे प्रयागराज और आजमगढ़ आदि क्षेत्रों का कार्य देखेंगे। पार्टी ने मुनकाद अली, भीमराव अंबेडकर, जितेंद्र शंखवार, चिंतामणि और नरेंद्र कुशवाहा को सेक्टर प्रभारी बनाकर संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी है।
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