Move to Jagran APP

हरी झंडी मिलने के बाद कागजों पर रफ्तार भर रहीं इलेक्ट्रिक बसें, चार्जिंग प्वाइंट तक नहीं

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों ने वाहवाही के चक्कर में इलेक्ट्रिक बसें खरीद खड़ी कर दीं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 11:01 PM (IST)Updated: Wed, 01 Aug 2018 11:38 AM (IST)
हरी झंडी मिलने के बाद कागजों पर रफ्तार भर रहीं इलेक्ट्रिक बसें, चार्जिंग प्वाइंट तक नहीं
हरी झंडी मिलने के बाद कागजों पर रफ्तार भर रहीं इलेक्ट्रिक बसें, चार्जिंग प्वाइंट तक नहीं

कानपुर (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह आज जब उन्नाव होकर गुजरे तो उन्हें तमाम विभागीय अव्यवस्थाएं नजर आईं। इस बाबत उन्होंने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा। उनके नाराजगी जताने पर एआरटीओ प्रशासन अनिल कुमार त्रिपाठी हाथ जोड़कर माफी मांगते खड़े दिखाई दिए। कानपुर में विभागीय व्यवस्था चाक चौबंद नहीं होने के उदाहरण देखने को मिले। बीते रविवार परिवहन निगम अधिकारियों ने वाहवाही के चक्कर में इलेक्ट्रिक बसें खरीद खड़ी कर दीं और श्रीगणेश भी करा दिया गया। इनके चार्जिंग प्वाइंट, मेंटीनेंस आदि की व्यवस्थाएं नहीं होने से बसें डेढ़ माह तक कागज पर ही चलती रहेंगी।

loksabha election banner

कागजों में चलती रहेंगी इलेक्ट्रानिक बसें  

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों ने वाहवाही के चक्कर में इलेक्ट्रिक बसें खरीद खड़ी कर दीं। संचालन के लिए मुकम्मल तैयारी के बिना इनका शुभारंभ बीते रविवार को मुख्यमंत्री के हाथों करवा दिया। कानपुर के लिए भी दो बसों को हरी झंडी दिखाई गई जबकि न तो इनके लिए चार्जिंग प्वांइट स्थापित हुआ, न रिपेयरिंग व मेंटीनेंस की व्यवस्था की गई। नतीजा यह हुआ कि शुभारंभ के बाद ये बसें एक दिन भी नहीं चलीं। यह जरूर है कि कागजों में भले रफ्तार भरती रहेंगी। 

इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग प्वाइंट नहीं

इलेक्ट्रिक बसें लखनऊ और कानपुर के बीच चलनी हैं। रविवार को लखनऊ में जिन बसों को रवाना किया गया,  उनमें से एक बड़ी बस (35 सीटर) और एक छोटी (28 सीटर) शामिल है। वास्तव में सड़कों पर इन्हें दौड़ता देखने के लिए फिलहाल माह-डेढ़ माह का इंतजार करना पड़ेगा। इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए सब स्टेशन बनाना पड़ेगा। फुल पावर से चलने के लिए एक बस को चार्ज होने में करीब तीन घंटे का समय लगेगा। नगर विकास के ज्वाइंट डायरेक्टर अजीत सिंह का दावा है कि सितंबर तक सब स्टेशन लखनऊ में बन जाएगा। प्रदेश सरकार ने 520 इलेक्ट्रिक चालित बसों को परिवहन बेड़े में शामिल करने की योजना बनाई है। कानपुर समेत प्रदेश के पांच शहरों को सौ-सौ, गोरखपुर को 10 और वाराणसी को 10 इलेक्ट्रिक चालित बसें मिलेंगी।   


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.