प्लांट चालू कराने में असफल दुग्ध संघ के जीएम हटाए गए
साकेतनगर स्थित आधुनिक पराग डेयरी प्लांट को चालू करने की कार्य योजना बनाने में असफल होने पर कानपुर दुग्ध संघ के जीएम जीसी सिंह का तबादला शासन ने पांच माह में ही कर दिया।
जागरण संवाददाता, कानपुर :
साकेतनगर स्थित आधुनिक पराग डेयरी प्लांट को चालू करने की कार्य योजना बनाने में असफल होने पर कानपुर दुग्ध संघ के जीएम जीसी सिंह का तबादला शासन ने पांच माह में ही कर दिया। उनको पीसीडीएफ मुख्यालय लखनऊ भेजा गया है। अयोध्या में पीएंडटी प्रभारी डॉ. राजीव वाष्र्णेय को कानपुर दुग्ध संघ का जीएम बनाया गया है। बुधवार को चार्ज लेने के बाद उन्होंने आधुनिक प्लांट के बारे में जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है।
166 करोड़ रुपये की लागत से पराग का अत्याधुनिक प्लांट बनाया जा रहा है। इसको दिसंबर तक चालू करने के लिए शासन से भारी दबाव है। बीते माह लखनऊ में हुई शासन की बैठक में जीएम जीसी सिंह पर नाराजगी जताई गई थी। पराग दूध की मार्केटिग नहीं हो पा रही है। किसानों का समय पर भुगतान न होने पर पर्याप्त दूध नहीं मिल पाता है। यही वजह है कि प्लांट शुरू करने की योजना अभी तक बन पाई। बताते चले कि प्लांट चालू कराने के लिए शासन स्तर से काफी प्रयास हुए थे लेकिन, अब तक सफलता नहीं मिली है। नए जीएम डॉ. राजीव वाष्र्णेय ने बताया कि पराग को अच्छी स्थिति में लाने के लिए मंडल भर की दुग्ध समितियों के साथ बैठक कर उनकी समस्या सुनेंगे।
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किसानों का नहीं होने देंगे शोषण: सतपाल
कानपुर दुग्ध संघ के अध्यक्ष सतपाल सिंह ने बताया कि आधुनिक प्लांट को निजी हाथों में देने की तैयारी थी, मगर संघ की बैठक में यह प्रस्ताव खारिज कर दिया गया है। निजीकरण होता है तो किसानों को शोषण ही होगा।
जागरण संवाददाता, कानपुर :
साकेतनगर स्थित आधुनिक पराग डेयरी प्लांट को चालू करने की कार्य योजना बनाने में असफल होने पर कानपुर दुग्ध संघ के जीएम जीसी सिंह का तबादला शासन ने पांच माह में ही कर दिया। उनको पीसीडीएफ मुख्यालय लखनऊ भेजा गया है। अयोध्या में पीएंडटी प्रभारी डॉ. राजीव वाष्र्णेय को कानपुर दुग्ध संघ का जीएम बनाया गया है। बुधवार को चार्ज लेने के बाद उन्होंने आधुनिक प्लांट के बारे में जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है।
166 करोड़ रुपये की लागत से पराग का अत्याधुनिक प्लांट बनाया जा रहा है। इसको दिसंबर तक चालू करने के लिए शासन से भारी दबाव है। बीते माह लखनऊ में हुई शासन की बैठक में जीएम जीसी सिंह पर नाराजगी जताई गई थी। पराग दूध की मार्केटिग नहीं हो पा रही है। किसानों का समय पर भुगतान न होने पर पर्याप्त दूध नहीं मिल पाता है। यही वजह है कि प्लांट शुरू करने की योजना अभी तक बन पाई। बताते चले कि प्लांट चालू कराने के लिए शासन स्तर से काफी प्रयास हुए थे लेकिन, अब तक सफलता नहीं मिली है। नए जीएम डॉ. राजीव वाष्र्णेय ने बताया कि पराग को अच्छी स्थिति में लाने के लिए मंडल भर की दुग्ध समितियों के साथ बैठक कर उनकी समस्या सुनेंगे।