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फतेहपुर कांड पर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य की तीखी टिप्पणी, फतेहपुर डीएम-एसपी तलब

कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती पीडि़ता और परिवार वालों से बातचीत की।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 11:15 AM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 05:33 PM (IST)
फतेहपुर कांड पर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य की तीखी टिप्पणी, फतेहपुर डीएम-एसपी तलब
फतेहपुर कांड पर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य की तीखी टिप्पणी, फतेहपुर डीएम-एसपी तलब

कानपुर, जेएनएन। प्रदेश सहित देश में बढ़ रही महिला अपराध की घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग चिंतित है। फतेहपुर में दुष्कर्म के बाद युवती को जिंदा जलाने की घटना के बाद कानपुर पहुंची राष्ट्रीय महिल आयोग की सदस्य कमलेश गौतम ने पुलिस के इकबाल पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से घटनाएं बढ़ रही हैं, उससे ऐसा लग रहा है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ खत्म हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि फतेहपुर कांड में पुलिस की भूमिका ठीक नहीं है। पीडि़त परिवार डरा हुआ है, जिसे तत्काल पुलिस सुरक्षा की जरूरत है। फतेहपुर के डीएम और एसपी को तलब किया है ताकि उनसे पूछताछ की जा सके।

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फतेहपुर की 18 वर्षीय युवती को शनिवार दुष्कर्म के बाद जिंदा जला दिया गया। 90 फीसद से अधिक जली हुई युवती को हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालात चिंताजनक बनी हुई है। युवती ने पुलिस को दिए गए बयान में पड़ोस में रहने वाले रिश्ते के चाचा 22 वर्षीय युवक पर दुष्कर्म के बाद मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जलाने का आरोप लगाया है।

इस लोमहर्षक वारदात की सूचना पर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य कमलेश गौतम रविवार की सुबह साढ़े आठ बजे एलएलआर अस्पताल हैलट पहुंच गई। उन्होंने पीडि़ता और उसकी मां के बयान दर्ज किए। महिला आयोग की सदस्य ने बताया कि कुछ लोग घटना को तोड़मरोड़ कर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। पीडि़ता की मां ने बताया कि बेटी को डरा धमकाकर लंबे समय से रिश्ते का चाचा दुष्कर्म कर रहा था। उसने धमकी दी थी कि अगर रोका तो वह युवती को मार डालेगा और वही हुआ। पंचायत में खिलाफ फैसला आने पर उसने युवती को मिट्टी का तेल डालकर जला दिया। पीडि़ता की मां डरी हुई है, उसे आशंका है कि आरोपित कहीं उसके परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भी ऐसा न करें। पीडि़त परिवार को तत्काल पुलिस सुरक्षा की जरूरत है।

राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ने पुलिस के इकबाल पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि पुलिस महिला अपराध की घटनाओं को गंभीरता के साथ नहीं लेती, इसी वजह से इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। पुलिस एक्टिव नहीं है, जिससे अपराधियों में खाकी का खौफ अब पहले जैसा नहीं रहा है। उन्होंने पीडि़ता का इलाज कर रहे डॉक्टर अनुराग से भी बातचीत की। उन्होंने डॉक्टर से पीडि़ता की सेहत और उपचार की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। उनके साथ राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य के पैनल के अधिवक्ता आरुष त्रिपाठी और सीओ बिदंकी अभिषेक तिवारी मौजूद रहे।

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सरकारी योजनाओं की भी खुली पोल

राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य कमलेश गौतम ने पीडि़ता की मां से बातचीत करने के बाद सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि परिवार बेहद गरीब है। बावजूद इसके प्रधानमंत्री आवास की सुविधा इस परिवार को नहीं मिली। शौचालय गांव भर में बना, मगर यह परिवार आज भी बिना शौचालय है। इससे साबित होता है कि स्थानीय स्तर पर केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन पर लापरवाही बरती जा रही है।


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