एलएलआर अस्पताल में दवाएं खरीद ली गईं, रखने को जगह नहीं
कानपुर के एलएलआर अस्पताल में बजट लैप्स होने से बचाने के लिए आनन-फानन में ऑर्डर दे दिए गए। अब दवाएं रखने को जगह न होने से परेशानी हो रही है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : एलएलआर अस्पताल (हैलट) में बजट लैप्स होने से बचाने को आनन फानन करोड़ों रुपये की दवा व रसायन के आर्डर दे दिए गए। आपूर्ति शुरू हुई तो मुख्य औषधि भंडार में दवा रखने की जगह नहीं बची। औषधि भंडार में पर्याप्त रेफ्रीजरेटर एवं एयर कंडीशनर न होने से लंबे समय तक दवा सुरक्षित रखना चुनौती बन गया है।
एलएलआर अस्पताल का औषधि एवं रसायन मद का वार्षिक बजट छह करोड़ रुपये है। इस बार औषधि एवं रसायन मद में अनुपूरक बजट में अतिरिक्त धनराशि की डिमांड की गई तो शासन ने आठ करोड़ रुपये जारी कर दिए। वित्तीय वर्ष 2017-18 के अंतिम समय में मिले बजट को खर्च करना भी गले की फांस बन गया था।
41 फार्मा कंपनियों को दिए आर्डर
नई व्यवस्था के तहत ई-टेंडर प्रक्रिया अपनाते हुए 41 फार्मा कंपनियों को फाइनल किया गया। इन्हें 350 प्रकार की दवाओं की आपूर्ति करनी हैं। मार्च अंत तक इन्हें एडवांस में आर्डर दिए जा चुके हैं। कंपनियां दवाओं की आपूर्ति भी करने लगी हैं।
भर चुका है मुख्य भंडार
बजट खपाने के चक्कर में दवाओं को सुरक्षित रखने पर सवाल उठ रहे हैं। भारी मात्रा में दवाएं आने पर मुख्य दवा भंडार भर चुका है। गलियारे दवाओं से पट गए हैं।
दवा भंडार का मानक
मुख्य भंडार के चीफ फार्मासिस्ट राजेंद्र पटेल के मुताबिक एनस्थीसिया, एंटी रैबीज वैक्सीन एवं कुछ अन्य दवा व इंजेक्शन को 2-8 डिग्री तापमान पर रखा जाता है। इसके लिए पर्याप्त रेफ्रीजरेटर नहीं हैं। इन दवाओं के आर्डर जरूरत के हिसाब से दिए गए हैं। अधिकतर दवाओं के लिए 25-30 डिग्री तापमान में रखने का मानक है, जिससे उनकी प्रभाव क्षमता पर असर न हो सके। इनको सुरक्षित रखने के लिए एसी चाहिए लेकिन यहां नहीं हैं।
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दवाएं पूरी तरह सुरक्षित रखी गई हैं। जगह की कमी से थोड़ी दिक्कत जरूर हो रही है। मानक के अनुसार स्टोरेज करने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
-डॉ. आरसी गुप्ता, प्रमुख अधीक्षक एलएलआर अस्पताल