अब किताबों से नहीं थ्रीडी मॉडल से मेडिकल की पढ़ाई हुई आसान
किताबों में पहले खुद जूझते थे, फिर छात्रों को बताते थे। समय के साथ मेडिकल की पढ़ाई में टूडी पिक्चर्स और वीडियो शामिल हो गए, जिससे समझना आसान हो गया है।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। थ्री डायमेंशन (थ्रीडी) पिक्चर्स से मेडिकल की पढ़ाई के साथ ही ब्रेन, स्पाइन और तमाम जटिल ऑपरेशन करना भी बेहद आसान हुआ है। आधुनिक तकनीक से छात्र गुणवत्तापरक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। वहीं मरीज में भी कॉम्प्लिकेशन का खतरा न के बराबर रहता है। यह मानना है जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में न्यूरो सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिंह का।
उन्होंने बताया कि पहले मेडिकल कॉलेज में छात्रों की पढ़ाई कराने में शिक्षकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। किताबों में पहले खुद जूझते थे, फिर छात्रों को बताते थे। समय के साथ मेडिकल की पढ़ाई में टूडी पिक्चर्स और वीडियो शामिल हो गए। इससे शरीर के अंदरुनी अंगों की लंबाई -चौड़ाई देखना संभव हो गया लेकिन गहराई का पता न लगने से स्पाइन, ब्रेन और दूसरी जटिल सर्जरी करने में दिक्कत होती थी।
अब थ्रीडी पिक्चर्स व मॉडल आ गए हैं। इनसे शरीर के अंदरुनी अंगों की लंबाई, चौड़ाई के साथ गहराई भी देख सकते हैं, फिर उसी हिसाब से सर्जरी प्लान कर सकते हैं। थ्रीडी मॉडल में देखकर स्पाइन और ब्रेन की सर्जरी आसानी से की जाती है। तकनीक से स्पाइन एवं ब्रेन में स्क्रू, शंट और इम्प्लांट भी आसानी से डाल सकते हैं।
हर व्यक्ति की एनॉटमी अलग
डॉ. मनीष के मुताबिक हर व्यक्ति की एनॉटमी अलग होती है। ऐसे में थ्रीडी पिक्चर्स से अंगों की सही स्थिति जानकर उसी हिसाब से थ्रीडी मॉडल तैयार कराए जाते हैं, ताकि सर्जरी में कोई चूक न होने पाए। इसमें मरीज की नर्व और वेन भी सुरक्षित रहती हैं।
आइएमए की डॉक्टर्स डायरेक्टरी का विमोचन
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की डॉक्टर्स डायरेक्टरी का विमोचन शुक्रवार को गैंजेज क्लब में आयोजित कार्यक्रम में अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. आरपी यादव ने किया। उन्होंने कहा कि आइएमए कानपुर ने सदस्यों के लिए यह सराहनीय पहल है। आइएमए अध्यक्ष डॉ. प्रवीन कटियार ने बताया कि वर्ष 2012 में डायरेक्टरी का प्रकाशन हुआ था। छह साल बाद नई डायरेक्टरी का प्रकाशन किया गया है। इसमें सभी 2300 सदस्यों का विवरण, फोटो, पता, विशेषज्ञता, मोबाइल नंबर एवं ईमेल आइडी के साथ किया गया है। इस दौरान डायरेक्टरी के प्रकाशन में सहयोग करने वालों को सम्मानित किया गया। संचालन सचिव डॉ. अनुराग मेहरोत्रा ने किया। इस दौरान डॉ. एसी अग्रवाल, डॉ. राहुल मिश्र, डॉ. विकास मिश्र, राम सिंह वर्मा, डॉ. अवध दुबे, डॉ. आरएन चौरसिया एवं डॉ. अंबरीश गुप्ता मौजूद रहे।