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कानपुर में कार से कुचलकर गई थी मीट दुकानदान की जान, मुआवजे की बात पर स्वजन का हंगामा

जूही सफेद कालोनी निवासी रिजवान मीट की दुकान चलाते थे। दो साल पहले उनका निकाह तहजीब के साथ हुआ था। उसकी 11 माह की एक बेटी है। रिजवान के ससुर फारूख ने बताया कि दामाद दुकान बंद करने के बाद खाना खाकर बेटी के लिए टाफी लेने गए थे।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 10:25 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 10:25 PM (IST)
कानपुर में कार से कुचलकर गई थी मीट दुकानदान की जान, मुआवजे की बात पर स्वजन का हंगामा
कई थानों के फोर्स के साथ एसीपी बाबूपुरवा पहुंचे थे मौके पर।

कानपुर, जागरण संवाददाता। बोलेरो से कुचल कर मीट दुकानदार की मौत के मामले में पोस्टमार्टम के बाद स्वजन शव लेकर घर पहुंचे। जहां मुआवजे की मांग को लेकर स्वजन और इलाकाई लोगों ने थाने के पास के चौराहे पर शव रखकर सड़क जाम कर दी। बवाल की आशंका के चलते एसीपी बाबूपुरवा, जूही, गोङ्क्षवद नगर आदि थानों के फोर्स संग मौके पर पहुंचे। काफी समझाने के बाद स्वजन मांग पर अड़े रहे। एसीएम से फोन पर वार्ता और मुआवजे के आश्वासन मिलने पर शव उठवाकर अंतिम संस्कार के लिए भेजा गया। डेढ़ घंटे बाद यातायात बहाल हो सका।

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जूही सफेद कालोनी निवासी 25 वर्षीय रिजवान मीट की दुकान चलाते थे। दो साल पहले उनका निकाह तहजीब के साथ हुआ था। उसकी 11 माह की एक बेटी है। रिजवान के ससुर फारूख ने बताया कि दामाद दुकान बंद करने के बाद खाना खाकर बेटी के लिए टाफी लेने गए थे। घर से निकलते ही साथी इमरान मिला तो वह भी साथ हो लिया था। इसी बीच दीप तिराहे की ओर से आ रहे तेज रफ्तार बोलेरों ने दोनों को टक्कर मार दी थी। हादसे के बाद बोलेरो चालक ने भागने के प्रयास में दोनों दोस्तों को कुचल दिया था। वहीं बोलेरो सवारों ने दो अन्य लोगों को टक्कर मारी थी। जिससे वह दोनों भी घायल हुए थे। पुलिस ने दोनों को थाने की गाड़ी से एलएलआर अस्पताल भेजा था। जहां डाक्टरों ने रिजवान को मृत घोषित कर दिया था। जबकि उपचार के बाद इमरान को छुट्टी दे दी थी। मंगलवार दोपहर शव के पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचा तो कोहराम मच गया था। इसके बाद स्वजन शव लेकर थाने वाले चौराहे पहुंचे। करीब तीन बजे स्वजन ने मोहल्ले वालों के साथ मिलकर सड़क जाम कर हंगामा किया। बवाल की सूचना पर पहुंचे एसीपी बाबूपुरवा आलोक ङ्क्षसह ने पहले भीड़ को समझाकर शव उठवाने का प्रयास किया, लेकिन स्वजन मांग पर अड़े रहे। बाद में एसीएम प्रथम से वार्ता करके मुख्यमंत्री राहत कोष और राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत मुआवजा दिलाने का आश्वासन देकर शांत कराया। जिसके बाद शव को अंतिम संस्कार लिए भेजा जा सका।

गाड़ी बनवाकर लौट रहा था चालक: थाना प्रभारी किदवई नगर हरमीत सिंह के मुताबिक पकड़े गए आरोपित ऋषि से हुई पूछताछ में सामने आया है कि न्यू आजाद नगर पीएसी मोड़ के पास रहने वाले राज बहादुर यादव के नाम पर गाड़ी है। वह गाड़ी बनवाने के लिए आया था। वहां से वापस लौटते वक्त हादसा हुआ था। वाहन स्वामी का जो नंबर एप पर दर्ज है वह बंद है। जिसके चलते वाहन स्वामी से संपर्क नहीं हो सका है।

नहीं कराया जा सका मेडिकल: पकड़े गए आरोपित ने बताया कि उसे मिर्गी के दौरे आने की शिकायत है। पुलिस ने घटना के 24 घंटे बीतने के बाद भी आरोपित का मेडिकल परीक्षण नहीं कराया है। इसे लेकर मृतक के स्वजन में रोष है। मृतक के स्वजन का आरोप था कि पुलिस आरोपित को बचाने का काम कर रही है। 


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