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कानपुर राउंडटेबल कॉन्फ्रेंसः सीसीटीवी कैमरे और रात्रि गश्त की व्यवस्था से मिलेगी सेफ्टी

इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे शौकिया न लगवाएं, उनकी गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Sun, 12 Aug 2018 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 07:10 PM (IST)
कानपुर राउंडटेबल कॉन्फ्रेंसः सीसीटीवी कैमरे और रात्रि गश्त की व्यवस्था से मिलेगी सेफ्टी

सुरक्षा... एक ऐसा शब्द, ऐसा मुद्दा जो हर इंसान और वर्ग से जुड़ा है। अपराधियों-अराजकतत्वों से सुरक्षा चाहिए, आपदा में कैसे बचाव हो, हादसा हो जाए तो सुरक्षित कैसे रहें। यह तमाम पहलू हैं, जो सभी को फिक्रमंद करते हैं। क्या हमेशा पुलिस-प्रशासन, अग्निशमन विभाग या सिविल डिफेंस की मदद के सहारे रहना ही उचित है? समाज हमसे है और हमारा है। इसे कैसे सुरक्षित बनाया जाए। क्या जिम्मेदारियां आमजन को निभानी होंगी, क्या कदम उठाने होंगे, इन्हीं बिंदुओं पर विचार-विमर्श के लिए शुक्रवार को 'माय सिटी माय प्राइड' अभियान के तहत सुरक्षा विषय पर राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस आयोजित की।

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार की मौजूदगी में उन जागरूक शहरवासियों ने अपने-अपने विचार साझा किए, जो अपनी ओर से कुछ बेहतर कर रहे हैं या अनुभव रखते हैं। राह चलती महिला-युवतियों की सुरक्षा का मसला हो या किसी हादसे की स्थिति, सुझावों का निचोड़ लगभग यही था कि हम सजग रहें, हौसला-हिम्मत रखें तो समाज निश्चित रूप से सुरक्षित बनेगा। विषय प्रवर्तन संपादकीय प्रभारी आनंद शर्मा ने किया। आभार यूनिट हेड अवधेश शर्मा और संचालन रेडियो सिटी के आरजे राघव ने किया।

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सड़क की ओर एक कैमरा जरूर लगाएं
टिम्बर व्यापारी गुरजिंदर सिंह का कहना था कि कोपरगंज से चाचा नेहरू अस्पताल तक बाजार है। सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन व्यापारियों को समझाया है कि एक कैमरा सड़क की ओर जरूर लगाएं। साथ ही उन्होंने व्यापारियों की पुलिस के साथ नियमित बैठक और रात्रि गश्त की व्यवस्था मजबूत करने की सलाह दी।

हमें चाहिए सहयोगी और बेहतर व्यवस्था
नवीन मार्केट के अध्यक्ष अश्विनी कोहली ने बताया कि नवीन मार्केट में पहले बहुत वारदात होती थीं। पूरे बाजार में सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए, लेकिन वह सभी चोरी हो गए। पुलिस गश्त का कोई लाभ नहीं हुआ। अपराधियों में डर होना चाहिए। सहयोगी और बेहतर व्यवस्था की जरूरत है।

बीमारियों से रक्षा करते हैं खेल
राज गुप्ता युवाओं को मुफ्त में मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण देते हैं। उनका कहना था कि हर इंसान को कम से कम बीस मिनट तक मार्शल आर्ट जरूर करना चाहिए। इससे व्यक्ति फिट रहते हैं। स्वस्थ व्यक्ति दूसरों की भी सुरक्षा कर सकता है। बच्चों को किसी खेल से जरूर जोड़ें, ऐसे बच्चे कम बीमार होते हैं।

परिजन लड़कों को भी दें शिष्टाचार के संस्कार
युवतियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने वाली जूडो की राष्ट्रीय खिलाड़ी प्रतीक्षा कटियार मानती हैं कि युवतियां आत्मरक्षा के गुर सीख लें तो आत्मविश्वास बढ़ता है। घर से निकलते वक्त जैसे परिजन लड़कियों को सीधे आना-सीधे जाना की सलाह देते हैं, वैसे ही शिष्टाचार के संस्कार बेटों को भी दें।

महिलाओं के प्रति बदलनी होगी सोच
दीपांजलि कटियार का कहना था कि ऐसा तो संभव नहीं कि महिलाएं-युवतियां घर से निकलना बंद कर दें। समाज को अपनी सोच बदलनी होगी। लड़कियों को डराने की बजाए उन्हें सहयोग करना चाहिए। वह हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर सकती हैं और कर रही हैं।

सुरक्षा संसाधनों का इस्तेमाल भी सीखें
मुख्य प्रशिक्षक आपदा प्रबंधन (अवैतनिक) लखन कुमार शुक्ला का कहना था कि सुरक्षा और सुंदरता दो चीजें हैं। हम सुंदरता पर गौर करते हैं और सुरक्षा को दबा देते हैं। घरों में सुरक्षा के सारे उपकरण या संसाधन लगा देना ही काफी नहीं है। उन उपकरणों का संचालन भी सभी को आना चाहिए।

सभी निभाएं अपनी-अपनी जिम्मेदारी
आनंदेश्वर मंदिर में सीसीटीवी कैमरे लगवाने वाले शिवकुमार शुक्ला 'गोपाल' का सुझाव था कि हम कहीं भी जाएं तो वहां जरूरत देखते हुए सोचें कि इसमें हम क्या योगदान दे सकते हैं। घर के आसपास सड़क ही खराब हो तो क्या हम आपसी सहयोग से कुछ पैसा लगाकर उसकी मरम्मत नहीं करा सकते।

देखभाल कर लें एलपीजी सिलेंडर की डिलीवरी
कानपुर गैस वितरक संघ के अध्यक्ष भारती मिश्रा का कहना था कि हम रसोई गैस सिलेंडर की डिलीवरी से पहले सुरक्षा मानकों को चेक करते हैं। उपभोक्ता भी सिलेंडर लेते समय लीकेज के साथ ही मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जरूर देख लें। इस जागरुकता से संबंधित हादसे की आशंका कम हो जाती है।

ऐसा हो माहौल, बेखौफ हों सब
कानपुर गैस वितरक संघ के महामंत्री अमित पांडेय ने तर्क दिया कि पहले सीसीटीवी कैमरे नहीं होते थे, तब क्या सुरक्षा नहीं थी। पुलिस-प्रशासन की भी एक सीमा है। समाज को ही अपनी-अपनी भागीदारी से ऐसा माहौल बनाना होगा कि सभी बेखौफ होकर रहें।

हर नागरिक ले सिविल डिफेंस का प्रशिक्षण
सिविल डिफेंस के उप नियंत्रक कश्मीर सिंह ने बताया कि हम लोग माइक्रो सेफ्टी प्लान बनाते हैं। लोग सुरक्षा उपाय अपना सकें, इसलिए सिविल डिफेंस का निशुल्क प्रशिक्षण देते हैं। उन्होंने सलाह दी कि हर नागरिक को सिविल डिफेंस का प्रशिक्षण लेना चाहिए।

आपसी सौहार्द भी बहुत जरूरी
व्यापारी आलोक पांडेय ने एक उदाहरण दिया कि एक गलतफहमी की वजह से रावतपुर में दो वर्गों के लोगों के बीच तनाव की स्थिति हो गई। सीसीटीवी कैमरे से हालांकि सत्यता पता चल गई। यदि हम लोग आपस में सौहार्द रखेंगे तो असुरक्षा के यह हालात पैदा ही नहीं होंगे।

जहां जरूरत हो, वहां दें सुरक्षा में सहयोग
सिविल डिफेंस का ही प्रशिक्षण देने वाले ददन मिश्रा का कहना था कि कानपुर की सिविल डिफेंस टीम बहुत सक्रिय है। जागेश्वर मंदिर पर सोमवार को बहुत भीड़ होती है। पहले अव्यवस्था रहती थी। हमने 150-200 युवा हर सोमवार के लिए तैनात कर दिए, जो व्यवस्था सुनिश्चित कराते हैं।

अपराधियों से डरें नहीं, मुकाबला करें
नौजवान विजय सिंह कुशवाहा पिछले दिनों बैंक लूटकर भाग रहे लुटेरों से अकेले ही भिड़ गए थे। उन्होंने बताया कि दर्शक बनी भीड़ सहयोग करती तो उसी समय लुटेरे पकड़े जाते। लोगों को बदमाशों से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उनका मुकाबला करना चाहिए।

परस्पर विश्वास से होगा सुरक्षा का अहसास
सीसामऊ-पी रोड व्यापार मंडल के अध्यक्ष महेश मेघानी ने बाजार में किए गए सुरक्षा इंतजामों के अनुभव बताए। साथ ही बताया कि किसी ग्राहक को परेशानी होने पर सभी दुकानदार साथ आ जाते हैं। इसी तरह का परस्पर विश्वास पैदा करें तो किसी भी बाजार में असुरक्षा का अहसास नहीं होगा।

पुलिस पर ही न रहें निर्भर
दवा व्यापारी संजय मल्होत्रा का कहना था कि हमें हमेशा पुलिस-प्रशासन पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए। यदि सभी लोग अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे तो व्यवस्थाएं सुधरेंगी। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे लगाना ही पर्याप्त नहीं है। उनके सही संचालन पर भी नजर रखनी होगी।

बचपन से कराएं जिम्मेदारी का अहसास
सर पदमपत सिंहानिया एजुकेशन सेंटर की कार्यवाहक प्रधानाचार्या भावना गुप्ता का कहना था कि बच्चे ही कल के नागरिक हैं। बचपन से ही सहपाठी, दोस्त और समाज के प्रति जिम्मेदारी का अहसास उन्हें कराना चाहिए। वह संवेदनशील इंसान बनेंगे तो निश्चित रूप से समाज का माहौल बदलेगा।

अपने इर्दगिर्द हमेशा रखें पैनी नजर : एसएसपी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार ने आमजन की जिम्मेदारी और पुलिस की भूमिका पर विस्तार से अपने विचार रखे। बार-बार हुए सीसीटीवी कैमरे के जिक्र पर उन्होंने कहा कि लोगों ने सीसीटीवी कैमरे को ही समाधान मान लिया है। इनसे अपराधी की तलाश में मदद भी तो तभी मिल सकती है, जब वह चेहरा कोई पहचान ले। उन्होंने कहा कि वारदात के लिए कोई भी अपराधी अपनी योजना बनाता है। उसके लिए आपके ही शहर में कुछ दिन रुकता है।

तमाम घटनाओं में मालूम चला है कि ऐसे लोग शहर के नवविकसित क्षेत्र में किराए पर कमरा लेकर रहे। एसएसपी ने सलाह दी कि अपने आसपास के परिवेश पर नजर रखें। कोई अनजान व्यक्ति आकर रहने लगा तो उसके बारे में पता करें। वह कौन है, कहां से आया है, क्या करता है। ध्यान रहे कि कोई व्यक्ति काम न करता हो और रहन-सहन काफी अच्छा नजर आए तो उस पर निगाह जरूर रखें।

इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे शौकिया न लगवाएं, उनकी गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। एसएसपी अखिलेश कुमार का कहना था कि अस्पताल में कोई अव्यवस्था हो, कहीं सड़क टूटी हो या कोई भी मामला, अक्सर लोग पुलिस को ही बुलाते हैं। नागरिकों को समझना चाहिए कि संबंधित विभाग से ही बात करें, पुलिस पर अतिरिक्त कार्यभार न डालें। यदि कानून व्यवस्था बनाने में जनता की भरपूर भागीदारी होगी तो पुलिस अच्छा काम करेगी और पुलिस अच्छा काम कर पाएगी और पुलिस अच्छा काम करेगी तो समाज में शांति कायम होगी।

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