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कानपुरः ऐसा हो घर का फर्स्ट ऐड बॉक्स, आग से बचाएगा एबीसी टाइप फायर इस्टिंग्विशर

'माय सिटी माय प्राइड' अभियान के तहत उनसे हादसों से सुरक्षा के मसले पर बात की तो उन्होंने विशेषज्ञ के रूप में कई सुझाव दिए।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 06:00 AM (IST)

जिंदगी है तो जोखिम है और यह जोखिम जन्म से लेकर मृत्यु तक हैं। इन्हें खत्म तो कोई नहीं कर सकता। मगर हां, सावधानी बरती जाए, सुरक्षा के उपाय दुरुस्त रखे जाएं तो इनसे होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है और वक्त पर प्रयास हों तो इन्हें टाला भी जा सकता है। यह मानना है दूसरों की सुरक्षा को जिंदगी का जुनून बना चुके लखन कुमार शुक्ला का। बिरहाना रोड निवासी लखन 1997 से बतौर मुख्य प्रशिक्षक आपदा प्रबंधन (अवैतनिक) समाज को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। प्राथमिक उपचार और आपदा प्रबंधन के कई पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण ले चुके लखन स्कूल कॉलेजों में भी जाकर सीख देते हैं।

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'माय सिटी माय प्राइड' अभियान के तहत उनसे हादसों से सुरक्षा के मसले पर बात की तो उन्होंने विशेषज्ञ के रूप में कई सुझाव दिए। साथ ही मूलमंत्र दिया कि कोई भी घटना सिर्फ तीन वजहों से होती है, वह हैं लापरवाही, अज्ञानता और जल्दबाजी। वह यह भी मानते हैं कि सड़क हादसों में मरने वाले 90 फीसद लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें वक्त पर उचित प्राथमिक उपचार होने पर बचाया जा सकता है।

आग लगने पर यूं ही नहीं फटता सिलेंडर

मुख्य प्रशिक्षक आपदा प्रबंधन लखन कुमार शुक्ला ने बताया कि रसोई गैस सिलेंडर में आग लगने पर लोग हड़बड़ा जाते हैं। उन्हें लगता है कि सिलेंडर फट जाएगा और वह भागने भी लगते हैं। हकीकत यह है कि सिलेंडर सामान्यत: आग से फटता नहीं है। वह तभी फटेगा, जब उसका आकार बदलने लगेगा।

पांच प्रकार की होती है आग
- ए क्लास- लकड़ी, कोयला, कागज और प्लास्टिक में लगने वाली आग
- बी क्लास- तरल पदार्थ जैसे पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, स्प्रिट और पेंट आदि की आग
- सी क्लास- गैस की आग
- डी क्लास- धातुओं में लगने वाली आग
- ई क्लास- बिजली उपकरणों की आग।

हर आग में बचाएगा एबीसी टाइप फायर इस्टिंग्विशर
विशेषज्ञ लखन कुमार शुक्ला ने बताया कि सभी को अपने घर में एबीसी टाइप फायर इस्टिंग्विशर रखना चाहिए। इससे डी और ई क्लास की आग को छोड़कर बाकी सभी को बुझाया जा सकता है। हां, डी और ई क्लास में ध्यान रखना होगा कि इनमें सीधे पानी का इस्तेमाल न करें।

इन बातों का रखें ध्यान
- घर में बिजली के तारों की ढीली फिटिंग न हो।
- एक शॉकेट में ज्यादा प्लग न लगाएं।
- घर से निकासी के पर्याप्त रास्ते होने चाहिए।
- बिजली मीटर के नीचे वाहन खड़े न करें।
- शॉर्ट सर्किट और घर के खराब रखरखाव से होते हैं हादसे।
- किसी भी व्यक्ति के शरीर में आग लगने पर फायर इस्टिंग्विशर का इस्तेमाल न किया जाए।
- ऑक्सीजन, ईंधन और ताप मिलने पर ही आग जलती है। यदि इनमें से एक भी साधन को रोक दिया जाए तो आग बुझ जाएगी।

ऐसा हो घर का फर्स्ट ऐड बॉक्स
रूई, पट्टी, साबुन, बर्न क्रीम, बैंडेज, ग्रिप बैंडेज, स्प्लिंट्स (खपच्ची), कैंची, ड्रॉपर, पुदीन हरा, ऑयोडेक्स आदि।

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