मायावती एक बार फिर हुईं एक्टिव, भतीजे आकाश आनंद ने तो विरोधियों पर कसे ऐसे तीखे तंज- जनसभाओं की बढ़ गई मांग
चुनावी अखाड़े में अकेले दम पर डटी बसपा के चुनाव अभियान की कमान बसपा सुप्रीमो मायावती और राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर आकाश आनंद ने संभाल ली है। उन्नाव से लेकर मंडल के तीन जिलों में उनकी जनसभाएं होनी हैं जो 10 लोकसभा क्षेत्रों को सीधे प्रभावित करेंगी। बसपा के लगातार गिरते आधार वोट को देखते हुए बसपा सुप्रीमो आकाश आनंद लोकसभा चुनाव में सक्रिय नजर आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर। देश में गर्मी के साथ चुनाव माहौल गर्म हो चुका है। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण की नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव अभियान में पूरी ताकत झोंक दी है। सभी दलों के स्टार प्रचारकों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। ऐसे में बसपा भी पीछे नहीं है।
चुनावी अखाड़े में अकेले दम पर डटी बसपा के चुनाव अभियान की कमान बसपा सुप्रीमो मायावती और राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर आकाश आनंद ने संभाल ली है। उन्नाव से लेकर मंडल के तीन जिलों में उनकी जनसभाएं होनी हैं, जो 10 लोकसभा क्षेत्रों को सीधे प्रभावित करेंगी। बसपा के लगातार गिरते आधार वोट को देखते हुए बसपा सुप्रीमो, उनके उत्तराधिकारी व राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर आकाश आनंद लोकसभा चुनाव में सक्रिय नजर आ रहे हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जनसभा के दौरान आकाश विरोधियों पर तीखे तंज कसने के कारण चर्चा में हैं। उनकी जनसभाओं की मांग बढ़ गई है। वह लखनऊ मंडल के उन्नाव जिले की सीट के प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा रविवार को करेंगे। एक मई को इटावा-औरैया लोकसभा क्षेत्र के औरैया में जनसभा करेंगे। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती की दो जनसभाएं होंगी, नौ मई को कन्नौज और 10 मई को अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र के रमईपुर में होगी।
बहनजी की प्रदेश में 40 जनसभाएं प्रस्तावित हैं। राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर भी जनसभाएं कर रहे हैं। मंडल के कन्नौज व कानपुर में बहनजी और उन्नाव व औरैया में आकाश आनंद की जनसभाएं होनी हैं। इसका प्रभाव आसपास की सभी सीटों पर पड़ेगा। - अनिल पाल, मुख्य मंडल प्रभारी कानपुर मंडल।
चार जनसभाएं दिखाएंगी असर
पूर्व महानगर अध्यक्ष सुरेन्द्र कुशवाहा का कहना है कि राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर आकाश आनंद तथा बसपा सुप्रीमो मायावती की जनसभाओं के बाद स्थिति बदलेगी। इसका असर उन्नाव, फतेहपुर, सीतापुर, कानपुर, अकबरपुर, मिश्रिख, कन्नौज, फर्रुखाबाद, इटावा-औरैया और हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के सर्वसमाज के मतदाताओं पर पड़ेगा।