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कानपुर में जल संरक्षण के अभियान में जुड़ रहा मतृशक्ति का कारवां, लोगों को इस तरह कर रहीं जागरूक

केवल खुद ही घर से पानी बचाने का शुरुआत नहीं कर रही बल्कि अपनों को भी जागरूक कर रहीं हैं। साप्ताहिक बंदी में घर के काम निपटा कर वाट्सएप पर एक दूसरे को मैसेज दे और हालचाल पूछने के साथ ही पानी बचाने की भी टिप्स देती है।

By Akash DwivediEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 11:29 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 11:29 AM (IST)
कानपुर में जल संरक्षण के अभियान में जुड़ रहा मतृशक्ति का कारवां, लोगों को इस तरह कर रहीं जागरूक
पानी बचाने का शुरुआत नहीं कर रही बल्कि अपनों को भी जागरूक कर रहीं

कानपुर, जेएनएन। पानी बर्बादी से रोकने और सहेजने के लिए एक बार फिर मातृशक्ति आगे आयी है। दैनिक जागरण के सहेज लो हर बूंद अभियान में अब एक-एक करके कई महिलाएं जुड़ती जा रहीं हैं। केवल खुद ही घर से पानी बचाने का शुरुआत नहीं कर रही बल्कि अपनों को भी जागरूक कर रहीं हैं। साप्ताहिक बंदी में घर के काम निपटा कर वाट्सएप पर एक दूसरे को मैसेज दे और हालचाल पूछने के साथ ही पानी बचाने की भी टिप्स देती है।

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बोलीं महिलाएं

  • पानी की हर एक बूंद कीमती है। आरओ के पानी को बचाकर पोछा लगाती हूं और एसी के पानी का उपयोग इन्वर्टर की बैटरी भरने में करती हू? । बचे पानी का काम कपड़े धोने और वाहन धोने में प्रयोग करती हूं।

                                                                                                   शिवांगी द्विवेदी, केशव नगर

  • सभी लोग अपने एसी और आरओ का पानी बचा लें तो कई गुना पानी बर्बाद होने से बच जाएगा। वह इस पानी का प्रयोग पौधों में डालने और घर की सफाई में प्रयोग करती हैं।    सुधा शुक्ला,साकेत नगर

  • एसी और आरओ का पानी कई सालों से बचा रहीं हैं। इस पानी से घर के कई काम हो जाते है। पौधों में पानी डालना, घर पर पोछा लगाना और इंवर्टर की बैटरी में पानी भरने का काम हो जाता है। इसके अलावा लीकेज नहीं होने देती हूं।                                                            अनिता गर्ग, कमला टॉवर
  • बेसिन में बर्तन धोते वक्त नल तभी खोलती हूं जब पानी की जरूरत होती है। इससे पानी कम खर्च होता है। बारिश के पानी को भी छत पर एक टंकी रख कर स्टोर करती हूं। उस पानी का इस्तेमाल कपड़े और बर्तन धोने में करती हूं। साथ ही दूसरों को भी जागरूक कर रहीं हूं।           दीप्ती दीक्षित मिश्रा, सरोजनी नगर
  • वाशिंग मशीन से कपड़े हफ्ते में दो बार धोती हूं। इसका जो पानी निकलता है, उससे घर का ऑगन और गैलरी साफ करती हूं। सावर से नहीं नहाती, बाल्टी में पानी लेकर नहाती हूं। आरओ का पानी दूसरे कामों में प्रयोग करने के साथ साप्ताहिक बंदी के समय जागरण के इस अभियान की जानकारी लोगों को दे रहीं हूं।

                                                                                                         सीमा त्रिपाठी बर्रा चार

  • फल सब्जी आदि को खुले हुए नल के बजाय पानी के बर्तन से धोती हूं और बचे पानी को पौधों में डाल देती हूं। सावर से नहाने के बजाए बाल्टी और मग का उपयोग करती हूं। एसी और आरओ से निकले हुए पानी को घर की साफ सफाई के कामों और पेड़ पौधों में डालने के लिए उपयोग करती हूं।   

                                                                                                          गीता गुप्ता, पीरोड 


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