Move to Jagran APP

उद्यमियों से मशविरा कर बनेगा उद्योगों के विकास का मास्टर प्लान

लाखों श्रमिकों का पेट भरने वाली शहर की औद्योगिक इकाइयां जल्द अपने उत्पादों को बुलंदियों तक पहुंचाएंगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 02:31 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 02:31 AM (IST)
उद्यमियों से मशविरा कर बनेगा उद्योगों के विकास का मास्टर प्लान
उद्यमियों से मशविरा कर बनेगा उद्योगों के विकास का मास्टर प्लान

जागरण संवाददाता, कानपुर : लाखों श्रमिकों का पेट भरने वाली शहर की औद्योगिक इकाइयां जल्द अपने उत्पादों से उन बुलंदियों तक पहुंचेंगी, जिसके प्रयास लंबे समय से हो रहे हैं। चर्म, होजरी, प्लास्टिक, पैकेजिग, रबर व इंजीनियरिग समेत अन्य उद्योगों की जरूरत के अनुसार मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। प्लान तैयार करने में उद्यमियों की भी सहभागिता रहेगी। बुधवार को यह बात राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उद्यमियों के साथ हुई चर्चा में कही। विस्तार से चर्चा करने को उन्होंने उद्यमियों को राजभवन बुलाया है। वहां बैठक करके उद्योगों को गति देने को योजनाएं बनाई जाएंगी।

loksabha election banner

यह पहली बार था, जब राज्यपाल शहर के उद्यमियों की जरूरतों को जानने के लिए उनसे रूबरू हुई। सीएसजेएमयू सभागार में हुए संवाद कार्यक्रम के दौरान उन्होंने न सिर्फ उद्यमियों की समस्याएं सुनीं, बल्कि उनके निस्तारण के लिए अफसरों को निर्देश भी दिए। कहा कि उद्योगों की बेहतरी के लिए जरूरत पड़ने पर वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात करेंगी। मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने उन्हें बताया कि 1803 में शहर का औद्योगिकीकरण प्रारंभ हो गया था। एल्गिन मिल, कानपुर वुलेन मिल, काटन मिल, जेके काटन जैसे उद्योगों के बीच यह शहर मैनचेस्टर आफ ईस्ट के नाम से जाना गया। शहर का चर्म उद्योग देश में 20 फीसद योगदान करता है, जबकि सैडलरी व हारनेस का निर्यात 90 फीसद का है। इस मौके पर डीएम आलोक तिवारी, संयुक्त आयुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला, एडीएम अतुल कुमार, उपायुक्त उद्योग सुधीर श्रीवास्तव, चर्म निर्यात परिषद के रीजनल चेयरमैन जावेद इकबाल, अशरफ रिजवान, अनवारुल हक, गुलशन कुमार धूपर, अरुण कुमार गुप्ता, अविनाश राय, यादवेंद्र सचान, अविरल जैन, नवीन खन्ना, राजेश शुक्ला, लक्ष्मणदास रूपानी, कमल कटारिया, संजय दुबे, विजय पंडित, मुरारीलाल अग्रवाल समेत अन्य उद्यमी मौजूद रहे।

----

यह पहली बार है जब किसी राज्यपाल ने उद्यमियों के साथ उद्योगों को लेकर चर्चा की है। गुजरात की कायापलट हो गई है, वहां पर उद्योग तेजी से दौड़ रहे हैं। कानपुर का परिदृश्य नहीं बदल पा रहा है। ऐसे प्लान बनाने की जरूरत है, जिन्हें निर्धारित समयावधि में लागू किया जा सके। स्टार्टअप को लेकर सतही हकीकत के लिए मूल्यांकन करें, जिससे सच्चाई पता चल सके।

- नरेंद्र शर्मा, निदेशक तिरंगा अगरबत्ती समूह। होजरी को ओडीओपी में शामिल करने के लिए सरकार के प्रति धन्यवाद है। अब उत्थान के लिए ऐसी योजना आनी चाहिए, जो धरातल पर उतर सके। इसके लिए उद्यमियों के साथ बैठकर योजना बने। शहर में 1200 सिलाई कारखाने, 400 अंडरगारमेंट, सौ निटिग व सौ प्रोसेसिग के कारखाने हैं। इनमें 12 सौ करोड़ का करोबार है, जिससे एक लाख कामगार जुड़े हुए हैं।

- बलराम नरूला, संयुक्त सचिव, फेडरेशन आफ होजरी मैन्युफैक्चरिग एसोसिएशन नार्दर्न जोन।

उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार सहायता कर रही है, लेकिन जो सुविधाएं हमें चाहिए उन्हें समझने की जरूरत है। चर्म उद्योग में 10 हजार करोड़ का निर्यात शहर करता है। इससे पांच लाख तकनीशियन व कामगार जुड़े हैं। रमईपुर में मेगा लेदर क्लस्टर में नई-नई तकनीकी को देखते हुए वर्कर ट्रेनिग प्रोग्राम शुरू करने की जरूरत है। शहर में टेनरी व फुटवियर मिलाकर चर्म उद्योग की एक हजार औद्योगिक इकाइयां हैं।

- मुख्तारुल अमीन, पूर्व चेयरमैन चर्म निर्यात परिषद योजनाओं को अब अमली जामा पहनाने की जरूरत है। चर्म उद्योग का बाजार इतना बड़ा है कि यह सबसे अधिक लोगों को रोटी दे रहा है। इसको बढ़ाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत है।

- आरके जालान, वाइस चेयरमैन, चर्म निर्यात परिषद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.