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शहीद का बेटा बोला- सेना में अफसर बनकर पूरा करूंगा पिता का सपना, गांव में आज होगा अंतिम संस्कार Kanpur News

शनिवार सुबह चाचा के साथ गांव पहुंचा शहीद धर्मेंद्र का बड़ा बेटा अंत्येष्टि स्थल के चयन के बाद प्रशासन ने की तैयारियां।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 10:00 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 10:00 PM (IST)
शहीद का बेटा बोला- सेना में अफसर बनकर पूरा करूंगा पिता का सपना, गांव में आज होगा अंतिम संस्कार Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। कारगिल के मशकोह वैली में हिमस्खलन से शहीद हुए हवलदार धर्मेंद्र सिंह   बड़ा बेटा उत्कर्ष सेना में अफसर बनकर पिता के सपने को साकार करना चाहता है। चंडीगढ़ के एक प्रतिष्ठित विद्यालय में इंटरमीडिएट में अध्ययनरत उत्कर्ष ने एनडीए प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर रखा है। उधर, गांव में प्रशासन ने अंत्येष्टि के लिए स्थान का चयन कर तैयारियां शुरू कर दी हैं।

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13 जनवरी को बेटे से हुई थी बात

गुरुवार को द्रास सेक्टर के मशकोह वैली स्थित सेना की पूरी चौकी हिमस्खलन की चपेट में आ गई थी, जिसमें घाटमपुर के पतारा के गांव बिराहिनपुर निवासी हवलदार धर्मेंद्र सिंह  उर्फ बब्लू शहीद हो गए थे। बड़ा बेटा उत्कर्ष सेना में कार्यरत चाचा सत्येंद्र सिंह के साथ शनिवार सुबह गांव पहुंचा। दोपहर में अंत्येष्टि की तैयारियों के सिलसिले में तहसीलदार विजय यादव उनके घर पहुंचे और उत्कर्ष से उनकी शिक्षा के बाबत जानकारी ली। उत्कर्ष ने बताया कि 13 जनवरी को अंतिम बार उसकी पिता से बात हुई थी। पिता उसे सेना में अफसर के तौर पर देखना चाहते थे। उसने एनडीए की प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर रखा है, जो अप्रैल में होनी है। उसका भी सपना थल सेना में अफसर बनना है।

सेना की एंबुलेंस से कानपुर के लिए रवाना किया गया पार्थिव शरीर

शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर शनिवार दोपहर श्रीनगर से सेना के विमान से नई दिल्ली लाया गया, जिसे अपराह्न तीन बजे सेना की एंबुलेंस से कानपुर रवाना किया गया है। सेना अधिकारियों व स्वजनों के बीच समन्वय कर रहे भूतपूर्व सैनिक महासभा के अध्यक्ष डॉ. जयमूॢत सिंह  यादव ने बताया कि रविवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। पार्थिव शरीर पहले सेवन एयरफोर्स हॉस्पिटल लाया जाएगा, फिर वहां से रविवार सुबह छह बजे सेना के वाहन से गांव आएगा। उधर गांव में मौजूद तहसीलदार ने स्वजनों से विमर्श के बाद खेतों में अंत्येष्टि की तैयारियां शुरू करा दींं। सुबह 8 बजे तक पार्थिव शरीर के गांव पहुंचने की संभावना है।  


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