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कानपुर देहात की सेंगुर नदी में विवाहिता ने लगाई छलांग, गोताखोरों ने शुरू की तलाश

सरौउटा निवासी रामनरेश की पुत्री लक्ष्मी दो साल से मायके में ही रह रही थी। परिवार व रिश्तेदारों की ओर से कई बार वार्ता के समझौते के प्रयास किए गए थे लेकिन इसके बाद भी ससुराली उसे लेने नहीं आ रहे थे। इससे वह तनाव में रह रही थी।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 05:59 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 05:59 PM (IST)
कानपुर देहात की सेंगुर नदी में विवाहिता ने लगाई छलांग, गोताखोरों ने शुरू की तलाश
सेंगुर नदी में डूबने से संबंधित खबर की प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर देहात, जेएनएन। मूसानगर थाना क्षेत्र के सरौउटा गांव में मायके में रह रही महिला ने मानसिक तनाव के कारण रविवार सुबह सेंगुर नदी में छलांग लगा दी। खेतों पर काम कर रहे किसान ने महिला को कूदते देख स्वजन के साथ ही पुलिस को सूचना दी, जिससे पुलिस ने गोताखोरों की मदद से उसकी तलाश शुरू कराई, लेकिन शव न मिलने पर चपरघटा पुल के पास भी गोताखोर की टीम लगाई गई है। 

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यह है पूरा मामला: सरौउटा गांव निवासी रामनरेश की 28 वर्षीय पुत्री लक्ष्मी की शादी चार वर्ष पूर्व हमीरपुर के जलाला थाना कुरारा गांव में हुई थी। परिवारिक कलह के कारण दो वर्षों से वह मायके रह रही थी, जिससे वह मानसिक तनाव में रहती थी। रविवार सुबह खेत पर जाने को कह कर वह घर से निकली थी। गांव के बाहर जाकर उसने सेंगुर नदीं में छलांग लगा दी। छलांग लगाने के दौरान खेत पर काम कर रहे लोगों ने महिला को देख शोर मचाया। इसके साथ ही स्वजन को घटना की सूचना दी, जिससे वह भी मौके पर पहुंचे। वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस ने गोताखोर की मदद से महिला की तलाश शुरू कराई। नदी में करीब तीन सौ मीटर क्षेत्र में महिला की तलाश की गई, लेकिन उसका पता नहीं लग सका। इसके बाद पुलिस ने चपरघटा पुल के पास भी गोताखोरों की एक टीम को लगाया। घटना के बाद स्वजन में कोहराम मच गया। नदी तट पर पहुंचे पिता के साथ ही परिवार के सदस्य बिलखते रहे, जिस पर पुलिस ने उन्हें समझा बुझाकर शांत कराया।दारोगा सुरेंद्र ङ्क्षसह परिहार ने बताया की महिला की तलाश की जा रही है। नदी में बहाव तेज होने से गोताखोरों को भी समस्या हो रही है।  

दो साल से ससुराली नहीं आ रहे थे लेने: सरौउटा निवासी रामनरेश की पुत्री लक्ष्मी दो साल से मायके में ही रह रही थी। परिवार व रिश्तेदारों की ओर से कई बार वार्ता के समझौते के प्रयास किए गए थे, लेकिन इसके बाद भी ससुराली उसे लेने नहीं आ रहे थे। इससे वह तनाव में रह रही थी। पिता ने बताया कि सुबह वह खेत पर जाने की बात कह कर घर से निकली थी, लेकिन यह तनिक भी अंदेशा नहीं था कि वह यह कदम उठा लेगी। 


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