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सुसाइड नोट चिपकाकर बाइक पुल पर खड़ी की और लगा दी गंगा में छलांग

फर्रुखाबाद के पंचाल घाट के पुल पर खड़ी बाइक पर चिपके सुसाइड नोट में लिखे नंबरों से पुलिस ने परिजनों को सूचना दी।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 01:15 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 01:15 PM (IST)
सुसाइड नोट चिपकाकर बाइक पुल पर खड़ी की और लगा दी गंगा में छलांग

फर्रुखाबाद, जेएनएन। पंचाल घाट के पुल पर मंगलवार रात चहल पहल के बीच आए युवक ने बाइक खड़ी करके आगे एक कागज चिपकाया और फिर इधर उधर देखते हुए गंगा में छलांग लगा दी। उसके गंगा में कूदते ही लोग दौड़े लेकिन तबतक वह लहरों में समा चुका था। लोगों ने बाइक पर चिपका कागज देखा तो वह सुसाइड नोट था। इसके बाद सूचना पर आई पुलिस ने गंगा नदी में युवक की तलाश शुरू कराई और परिजनों को सूचना दी।

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पत्नी से गंगा में कूदने की बात कह निकला था मदन

भगुआ नगला निवासी 32 वर्षीय मदन मोहन सिंह सोमवार को अपनी मां रामेश्वरी के साथ कुंभ से लौटे थे। पड़ोसियों ने बताया कि मंगलवार शाम को उनका किसी बात पर पत्नी रीना से विवाद हो गया था। इसके बाद मदन मोहन गंगा में कूदने की बात कहकर घर से निकल गया था। इसपर रीना ने अपने चचिया ससुर नित्यानंद को मदन मोहन के पीछे भेजा था।

गंगा में गोताखोरों ने शुरू की तलाश

मंगलवार रात करीब रात 10.30 बजे मदन मोहन पांचाल घाट पहुंचे और अपनी मोटरसाइकिल पर सुसाइड नोट चिपका कर पुल पर खड़ा कर दिया। इसके बाद उन्होंने गंगा मे छलांग लगा दी तो राहगीरों में अफरातफरी मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सुसाइड नोट पर लिखे नंबरों के जरिये परिजनों को जानकारी दी। राम नगरिया मेला कोतवाल महेंद्र त्रिपाठी, एसएसआई अंगद सिंह, शहर कोतवाल राजेश पाठक मौके पर पहुंचे ओर गोताखोरों को बुला कर मदन मोहन की गंगा में तलाश शुरू कराई। काफी तलाश के बावजूद उसका पता नहीं चला। बुधवार सुबह पीएसी भी मोटर बोट लेकर मदन मोहन की तलाश करती रही।

बिलखते रहे बच्चे, बेसुध हुई मां

कुंभ स्नान के बाद घर लौटी रामेश्वरी को बेटे मदन मोहन के गंगा में कूद जाने की जानकारी हुई तो वह बेसुध हो गईं। मदन मोहन के बच्चे आठ वर्षीय पुत्र वंश और चार वर्षीय पुत्री बिट्टू भी बिलखते रहे। परिजनों ने बताया कि मदन मोहन की गिट्टी-मौरंग की दुकान है। पत्नी रीना से हुए विवाद के बाद मदन मोहन यह कदम उठा लिया।

सुसाइड नोट में ये लिखा

बाइक पर चिपके मिले सुसाइड नोट में लिखा था कि मैं मदन मोहन सिंह चौहान अपनी आत्महत्या की जिम्मेदारी खुद लेता हूं, इसमें किसी का दोष नहीं है। यह कदम में आर्थिक परिस्थितियों के चलते ले रहा हूं क्योंकि मुझे कोई दूसरा रास्ता नहीं दिख रहा है। जो भी व्यक्ति इसे पढ़े वह इन नंबरों पर सूचना दे दे।


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