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मेरे भाई हो सके तो मुझे माफ करना, मां का ख्याल रखना

भाई के नाम सुसाइड नोट छोड़ा, पेड़ पर फांसी के फंदे से लटका मिला शव। मौके पर शराब, पानी की बोतल और एक गिलास। पुलिस स्पष्ट नहीं कर सकी आत्महत्या की वजह।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 02 Oct 2018 05:04 PM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 05:04 PM (IST)
मेरे भाई हो सके तो मुझे माफ करना, मां का ख्याल रखना

कानपुर (जेएनएन)। भाई मैं बहुत गलत करने जा रहा हूं, मुझे माफ कर देना। तुम घर को लेकर चलना परेशान न होना, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा। अम्मा की जिम्मेदारी तुम्हे दे रहा हूं, ख्याल रखना। बिधनू के कुंहिहार गांव में एक भाई के अब सिर्फ यह चंद शब्द ही रह गए हैं। बेहाल मां और भाई रो-रोकर इस इबारत को देख रहे हैं। हर कोई गमगीन हैं और इन शब्दों को लिखने का कारण जानने को बेचैन है।

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चाय की दुकान चलाता था गोविंद

पिपरगंवा कुंहिहार गांव में किसान रघुवंशी की पत्नी कमला दो बेटों गोविंद (20) और विक्रम के साथ रहती हैं। गोविंद चाय की दुकान चलाता था। वह मां को बताकर फतेहपुर निवासी बहन के घर गया था। सोमवार की शाम उसने वापस आने की जानकारी दी थी। रात तक वह घर नहीं लौट तो परिजनों को चिंता होने लगी थी। मां और भाई की बेचैनी बढ़ गई थी।

गांव के बाहर पेड़ पर लटका मिला शव

गांव के बाहर रोड किनारे गोविंद की बाइक खड़ी देख ग्रामीणों ने परिजनों को सूचना दी। मौके पर पहुंचे परिजनों को 50 कदम पर खेत में नीम के पेड़ पर नायलॉन की रस्सी के फंदे से गोविंद का शव लटकता मिला। गोविंद ने आंखों पर धूप का चश्मा और जूते पहन रखे थे। डाल के दुभागे पर शराब व पानी की बोतल और एक गिलास रखा था। पुलिस ने शव नीचे उतारा और जेब से मोबाइल व पर्स के साथ सुसाइड नोट भी बरामद किया। इसमें उसने बड़े भाई विक्रम के लिए लिखा था कि चंद लाइनें लिखी थीं, जिसे पढ़कर विक्रम बिलख पड़ा। बेटे का शव देख मां कमला गश खा कर गिर पड़ी।

कई दिनों से गुमसुम था भाई

विक्रम के मुताबिक गोविंद कई दिनों से गुमसुम था। इसके चलते वह शुक्रवार से चाय की दुकान भी नहीं खोल रहा था। रविवार को वह बहनों से मिलने जाने की बात कहकर गया था। उसने ऐसा कदम क्यों उठाया समझ नहीं आ रहा। एसओ बिधनू संजीव चौहान ने बताया युवक के आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो पा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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