व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी प्रकरण: एक और सिपाही पर दर्ज हुआ भ्रष्टाचार का मुकदमा, जांच शुरू
भ्रष्टाचार निवारण शाखा लखनऊ इकाई के निरीक्षक नुरुलहुदा ने सोमवार को सदर कोतवाली में आरक्षी सूरज पुत्र दशरथ यादव निवासी ग्राम सरडीह सैफाबाद जनपद प्रतापगढ़ तत्कालीन आरक्षी पुलिस लाइन महोबा पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।
महोबा, जागरण संवाददाता। कबरई क्रशर कारोबारी इंद्रकांत की मौत मामले में एक और आरोपित सिपाही के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण शाखा लखनऊ इकाई ने महोबा सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। साथ ही शाखा की ओर से इसकी विवेचना प्रारंभ कर दी गई है। इससे पूर्व आरोपित बर्खास्त सिपाही अरुण यादव के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का मुकदमा महोबा कोतवाली में दर्ज कराया गया था।
भ्रष्टाचार निवारण शाखा लखनऊ इकाई के निरीक्षक नुरुलहुदा ने सोमवार को सदर कोतवाली में आरक्षी सूरज पुत्र दशरथ यादव निवासी ग्राम सरडीह सैफाबाद जनपद प्रतापगढ़ तत्कालीन आरक्षी पुलिस लाइन महोबा पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। वर्तमान में आरोपित सिपाही सूरज श्रावस्ती जनपद में तैनात है।
बताते चलें कि लखनऊ के ट्रांसपोर्टर पीपी पांडेय ने जून 2020 में तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ जबरन वसूली की शिकायत की थी। दो माह बाद ही कबरई के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने भी तत्कालीन एसपी व कई पुलिस कर्मियों पर जबरन वसूली के लिए धमकाने का सात सितंबर 2020 को आरोप लगाया था। अगले दिन आठ सितंबर 2020 को अपनी गाड़ी में गोली लगने से घायल मिले थे, बाद में उपचार दौरान 13 सितंबर को उनकी मौत हो गई थी। दोनों प्रकरणों में फरार आइपीएस व अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण शाखा की ओर से जांच की जा रही थी।
वादी ने तहरीर में बताया है कि 14 अक्टूबर 2020 आरक्षी सूरज यादव के विरुद्ध कबरई के व्यवसाय इंद्र कांत त्रिपाठी की मौत व आय से अधिक चल अचल संपत्ति अर्जित किए जाने से संबंधित जांच की जा रही थी। जांच में मिले साक्ष्यों में पाया गया कि आरोपित की आय वेतन को मिला कर 752675 होती है। वहीं कुल व्यय धनराशि 992214 दिख रही है। इस तरह कुल आय से 239330 रुपये अधिक है यानी कि आय से व्यय 31 प्रतिशत अधिक किया गया। इसके चलते उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है। महोबा सदर कोतवाल बलराम सिंह ने बताया कि लखनऊ भ्रष्टाचार निवारण शाखा की ओर से आरोपित सिपाही सूरज यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।