गुर्दे की पुरानी बीमारी से शरीर में खून हो रहा कम, बचने के लिए ये करें Kanpur News
आइएमए के सेमिनार में चिकित्सकों ने दी जानकारी एनीमिया की वजह से अनियमित हो रहा दिल का धड़कना।
कानपुर, जेएनएन। गुर्दे की पुरानी बीमारी (क्रॉनिक किडनी डिसीज) से शरीर में खून की कमी हो रही है। मरीज को चक्कर आना, कमजोरी, थकान, सांस लेने में तकलीफ आदि समस्याएं होती हैं। एनीमिया की वजह से लाल रक्त कोशिकाएं ऑक्सीजन सही तरह से नहीं ले पाती हैं, जिससे दिल का धड़कना अनियमित हो जाता है। ध्यान न देने पर रोगी को लंबे समय बाद दिल की गंभीर समस्या हो सकती है। यह जानकारी आइएमए अध्यक्ष डॉ. अर्चना भदौरिया ने दी। वह दिल, एनीमिया और गुर्दा रोगों के संबंध में रविवार को आयोजित सेमिनार से पूर्व आइएमए भवन में जानकारी दे रहीं थी।
उन्होंने बताया, स्वस्थ गुर्दे इरीथ्रोपोएटीन (ईपीओ) हार्मोन बनाते हैं। यह शरीर द्वारा निर्मित रसायन है और अस्थि मज्जा को लाल रक्त कोशिकाएं बनाने में मदद करता है। सचिव डॉ. बृजेंद्र शुक्ला ने बताया, लाल रक्त कोशिकाएं ऑक्सीजन को शरीर में पहुंचाने का काम करती हैं। ईपीओ न बनने से लाल रक्त कोशिकाएं खून नहीं बना पाती हैं। ऐसे में लगातार खून की जांच करानी चाहिए।
बीमारी से ऐसे बचा जा सकता
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉ. जेएस कुशवाहा के मुताबिक जीवनशैली में बदलाव कर दिल की बीमारी से बचा जा सकता है।
- शराब का सेवन कम करें
- कम वसा वाले पदार्थों का सेवन करें
- नींद पूरी लें
- धूमपान न करें
- उच्च रक्तचाप, मधुमेह नियंत्रण
- व्यायाम करें, तनाव न लें
दिल के रोग की जांच
डॉ. विकास मिश्रा और डॉ. एसी अग्रवाल के मुताबिक ईको, रक्त की जांच, छाती का एक्स-रे, ईसीजी, तनाव के टेस्ट, सीटी स्कैन, एंजियोग्राफी से दिल के रोग जांच की जा सकती है।
दवाएं नहीं छोडऩी चाहिए
डॉ. रितेश गंगवार ने बताया कि बीपी की दवाएं नहीं छोडऩी चाहिए। कई नई दवाएं आ गई हैं, जो बेहद कारगर हैं।