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कब्जे को लेकर अब नहीं होंगे विवाद, गांव के नक्शे का बनेगा डिजिटल रिकार्ड

मंडलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि गांव व कस्बों में अधिकांश विवाद जमीन पर कब्जा खेत व खलिहान से जुड़े होते हैं। इनका डिजिटलाइजेशन करने से विवाद की संभावनाएं ही खत्म हो जाएगी। अनदेखी पर कार्रवाई करें।

By Moris SamuelEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 07:56 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 07:56 PM (IST)
कब्जे को लेकर अब नहीं होंगे विवाद, गांव के नक्शे का बनेगा डिजिटल रिकार्ड
मंडलायुक्त डॉ.राजशेखर व डीएम डॉ. दिनेश चंद्र और सीडीओ सौम्या पांडेय। जागरण

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : ग्रामीण क्षेत्रों में खेत, खलिहान के साथ ही भूमि पर कब्जे को लेकर ही विवाद होते हैं। गांव के नक्शे, खसरा-खतौनी सहित अन्य आंकड़ों को डिजिटल कर दिया जाए तो गांव व कस्बों में विवाद की स्थिति ही नहीं बनेगी। इसलिए तीन माह में सभी रिकार्ड का डिजिटलाइजेशन किया जाए।

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कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को मंडलायुक्त, अपर आयुक्त राजाराम, जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र, सीडीओ सौम्या पांडेय की मौजूदगी में वार्ता आयोजित की गई। मंडलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि गांव व कस्बों में अधिकांश विवाद जमीन पर कब्जा, खेत व खलिहान से जुड़े होते हैं। इनका डिजिटलाइजेशन करने से विवाद की संभावनाएं ही खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही असलहो के रिकार्ड भी डिजिटलाइज्ड करें। इसके लिए उन्होंने तीन माह का समय सीमा निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि जिले में जो भी असलहे की दुकानें है वह प्रति माह कारतूस बिक्री की सूचना जिला प्रशासन को दें। इसके साथ ही बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के निर्देश का पालन करने के निर्देश दिए। इसके बाद भी नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। 

सीएनजी बस को चलाने पर जल्द होगा निर्णय:

कानपुर से जिले में आने वाली सीएनजी बसों के दोबारा संचालन को लेकर मंडलायुक्त से मांग की गई, जिस पर उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या निस्तारण कराने की बात कही। उन्होंने बताया कि सिटी बसों के क्षेत्र का दायरा निश्चित होता है, लेकिन आमजन की समस्याओं को देखते हुए इसका निस्तारण कराया जाएगा।

दुर्घटना बीमा के लंबित मामलों को निपटाने पर की सराहना:

जिले में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा के मामले काफी समय से लंबित थे। समय से निस्तारण न होने के कारण उनकी समय सीमा समाप्त हो रही थी, मामला जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र के संज्ञान पर आने के बाद उन्होंने त्वरित 85 मामलों का निस्तारण कराया, जिससे पीडि़त परिवार को मुआवजा राशि का भुगतान किया गया। बड़ी संख्या में लंबित मामलों को निस्तारित कराने पर उन्होंने डीएम की सराहना की।


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