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कानपुर की 1500 से अधिक कंपनियों का उतारा जाएगा कर्ज

उत्तर भारत के बोर्ड ऑफ अप्रेंटिशिप एंड ट्रेनिंग को मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से ग्लूकोज मिल गया है।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 02:29 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 02:29 PM (IST)
कानपुर की 1500 से अधिक कंपनियों का उतारा जाएगा कर्ज

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v>जागरण संवाददाता, कानपुर : उत्तर भारत के बोर्ड ऑफ अप्रेंटिशिप एंड ट्रेनिंग (बीओएटी) को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की ओर से ग्लूकोज मिल गया है। मंत्रालय ने 42 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है। इससे 1500 से अधिक कंपनियों का कर्ज उतारा जाएगा। देनदारी की वजह से कंपनियों ने करार तोड़ दिया था। कंपनियों ने बकाए की अदायगी तक एक भी छात्र को लेने से साफ इन्कार कर दिया। इसके चलते इंजीनियरिंग और डिप्लोमा छात्रों को प्रशिक्षिण का मौका नहीं मिल पा रहा है। 2017-18 में प्रशिक्षण का स्तर एक तिहाई से भी कम हो गया। दैनिक जागरण ने बोर्ड और उससे जुड़े छात्रों की समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया, जिसके बाद बजट जारी हो गया।
दो साल में हालत हुई पतली 
विकास नगर स्थित बोर्ड कार्यालय में करीब चार हजार कंपनियां पंजीकृत हैं। ऑनलाइन आवेदन के बाद कंपनियां छात्रों को प्रशिक्षण के लिए बुलाती हैं। उन्हें ट्रेनिंग  के दौरान हर महीने स्टाइपेंड मिलता है। 50 फीसद खर्च कंपनी और 50 फीसद बीओएटी उठाता है। दो साल में संस्थान पर 40 करोड़ से अधिक की उधारी हो गई। बीटेक के लिए हर माह 4984 और डिप्लोमा धारकों के लिए 3542 रुपये निर्धारित हैं। 
कब कितना बजट मिला 
2015-16 में 13 करोड़ 
2016-17 में 13.5 करोड़ 
2017-18 में 12 करोड़ 
2018-19 में 42 करोड़ 
बोर्ड के अंतर्गत आते राज्य  
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और चंडीगढ़ ।
बोर्ड को अब तक का सबसे अधिक बजट मिला है। मंत्रालय की ओर से और आर्थिक सहायता दी जाएगी। 800 कंपनियों को आरटीजीएस द्वारा पेमेंट कर दिया गया है। कुछ के चेक बनाए गए हैं।
एसके मेहता, निदेशक, बोर्ड ऑफ अप्रेंटिशिप एंड ट्रेनिंग 

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