एलएलआर अस्पताल में होगा आयुष्मान लाभार्थियों के इलाज का कारगर इंतजाम
50 से अधिक लाभार्थी हो चुके पंजीकृत, जरूरी सामान की आपूर्ति के लिए अस्पताल प्रशासन ने अमृत फार्मेसी को किया नामित।
By AbhishekEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 01:03 PM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 04:39 PM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। एलएलआर अस्प्ताल (हैलट) में आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य) स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों का कारगर इंतजाम होगा। अगर अस्पताल में जरूरी दवा, सर्जिकल आइटम एवं इंप्लांट नहीं हैं और चिकित्सक उन्हें जरूरी बता रहे हैं तो उसका इंतजाम किया जाएगा। इसके लिए इलाजरत लाभार्थियों को फाइल अपडेट रखनी होगी। जरूरी सामान की आपूर्ति के लिए अस्पताल प्रशासन ने अमृत फार्मेसी को नामित किया है।
एलएलआर अस्पताल के विभिन्न क्लीनिकल विभागों में आयुष्मान भारत के लाभार्थी इलाज के लिए आने लगे हैं। अभी तक 50 से अधिक लाभार्थी पंजीकृत हो चुके हैं। अस्पताल में उपलब्ध दवाएं आदि में कोई दिक्कत नहीं होती है, जो दवा अस्पताल के ड्रग स्टोर में नहीं होती है। वह लाभार्थियों को खरीदनी पड़ती है। अस्पताल प्रशासन भी उपलब्ध कराने में असमर्थ होता है। लाभार्थियों एवं विभागों के चिकित्सकों से ऐसी शिकायतें प्रमुख अधीक्षक एवं आयुष्मान भारत के नोडल अफसर तक पहुंचती हैं।
इन समस्याओं के निराकरण एवं बेहतर इंतजाम के लिए गुरुवार को प्रमुख अधीक्षक ने सभी क्लीनिकल विभागों के विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई। इसमें विभागाध्यक्षों ने अपनी समस्याएं बताईं। कई बार लाभार्थियों के लिए जरूरी दवाएं, सर्जिकल सामान एवं इंप्लांट नहीं मिल पाता है क्योंकि अस्पताल में सप्लाई ही नहीं है। इसलिए बाहर से मंगाते हैं। इस पर प्रमुख अधीक्षक ने कहा, आयुष्मान लाभार्थी के पंजीकृत होते ही पूरी डिटेल फार्मेट में नोडल अफसर को मुहैया कराएं, ताकि उसका इंतजाम कराया जा सके। इसके लिए अमृत फार्मेसी को नामित किया है। इसमें सभी क्लीनिकल विभागों के हेड एवं सीएमएस मौजूद रहे।
लाभार्थी की देनी होगी सूचना
ओपीडी या इमरजेंसी में अगर कोई मरीज भर्ती होता है। वह पीएमओ का पत्र या गोल्डन कार्ड लेकर आता है। उसकी सूचना आयुष्मान भारत के हेल्प डेस्क को मुहैया कराएं। जिससे आगे की कार्रवाई की जा सके।
अपडेट रखें मरीज की फाइल
एलएलआर में आयुष्मान नोडल अफसर डॉ. एसके सिंह का कहना है कि जूनियर रेजीडेंट (जेआर) आयुष्मान लाभार्थियों की फाइल यानी बीएचटी (बेड हेड टिकट) अपडेट रखनी होगी। इस प्रोसेसिंग और अप्रूवल के लिए लखनऊ स्थित सांची को भेजना पड़ता है।
एलएलआर अस्पताल के विभिन्न क्लीनिकल विभागों में आयुष्मान भारत के लाभार्थी इलाज के लिए आने लगे हैं। अभी तक 50 से अधिक लाभार्थी पंजीकृत हो चुके हैं। अस्पताल में उपलब्ध दवाएं आदि में कोई दिक्कत नहीं होती है, जो दवा अस्पताल के ड्रग स्टोर में नहीं होती है। वह लाभार्थियों को खरीदनी पड़ती है। अस्पताल प्रशासन भी उपलब्ध कराने में असमर्थ होता है। लाभार्थियों एवं विभागों के चिकित्सकों से ऐसी शिकायतें प्रमुख अधीक्षक एवं आयुष्मान भारत के नोडल अफसर तक पहुंचती हैं।
इन समस्याओं के निराकरण एवं बेहतर इंतजाम के लिए गुरुवार को प्रमुख अधीक्षक ने सभी क्लीनिकल विभागों के विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई। इसमें विभागाध्यक्षों ने अपनी समस्याएं बताईं। कई बार लाभार्थियों के लिए जरूरी दवाएं, सर्जिकल सामान एवं इंप्लांट नहीं मिल पाता है क्योंकि अस्पताल में सप्लाई ही नहीं है। इसलिए बाहर से मंगाते हैं। इस पर प्रमुख अधीक्षक ने कहा, आयुष्मान लाभार्थी के पंजीकृत होते ही पूरी डिटेल फार्मेट में नोडल अफसर को मुहैया कराएं, ताकि उसका इंतजाम कराया जा सके। इसके लिए अमृत फार्मेसी को नामित किया है। इसमें सभी क्लीनिकल विभागों के हेड एवं सीएमएस मौजूद रहे।
लाभार्थी की देनी होगी सूचना
ओपीडी या इमरजेंसी में अगर कोई मरीज भर्ती होता है। वह पीएमओ का पत्र या गोल्डन कार्ड लेकर आता है। उसकी सूचना आयुष्मान भारत के हेल्प डेस्क को मुहैया कराएं। जिससे आगे की कार्रवाई की जा सके।
अपडेट रखें मरीज की फाइल
एलएलआर में आयुष्मान नोडल अफसर डॉ. एसके सिंह का कहना है कि जूनियर रेजीडेंट (जेआर) आयुष्मान लाभार्थियों की फाइल यानी बीएचटी (बेड हेड टिकट) अपडेट रखनी होगी। इस प्रोसेसिंग और अप्रूवल के लिए लखनऊ स्थित सांची को भेजना पड़ता है।
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