योग से निरोगी रहने का दिया गुरुमंत्र
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले शहरवासियों के लिए योग की पाठशालाएं लगाई जा रही हैं। जहां उन्हें योग से जुड़कर निरोगी रहने का गुरुमंत्र दिया जा रहा है। यह पहल दैनिक जागरण, शांतिकुंज उपजोनल केंद्र कानपुर एवं रामचरण भरतिया योग साधना केंद्र के संयुक्त अभियान 'योग से होगा स्वस्थ भारत का निर्माण' से हुई है। योग सप्ताह के पांचवें दिन सोमवार को नानाराव पार्क एवं श्याम नगर में योग शिविर लगाए गए।
जागरण संवाददाता, कानपुर : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले शहरवासियों के लिए योग की पाठशालाएं लगाई जा रही हैं। जहां उन्हें योग से जुड़कर निरोगी रहने का गुरुमंत्र दिया जा रहा है। यह पहल दैनिक जागरण, शांतिकुंज उपजोनल केंद्र कानपुर एवं रामचरण भरतिया योग साधना केंद्र के संयुक्त अभियान 'योग से होगा स्वस्थ भारत का निर्माण' से हुई है। योग सप्ताह के पांचवें दिन सोमवार को नानाराव पार्क एवं श्याम नगर में योग शिविर लगाए गए।
नानाराव पार्क में मुख्य योग शिक्षक मदन मोहन भरतिया ने कमर दर्द, सर्वाइकल, कंधा दर्द, स्लिप डिस्क की समस्या से पीड़ितों के लिए विशेष प्रकार के योग कराए। प्रात:काल से ही पार्क में योग व प्राणायाम के लिए साधक जुटने लगे थे। उनमें गजब का उत्सुकता था। योग शिक्षक विजय शर्मा ने प्राणायाम के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। संचालक मदन मोहन भरतिया के मुताबिक योग और प्राणायाम शरीर की ग्रंथियों व मांसपेशियों को नई ऊर्जा प्रदान करते हैं। इससे तन निरोगी व मन प्रफुल्लित होता है। शिविर में आए श्रीकृष्ण प्रणामी जनकल्याण ट्रस्ट के सदानन्द जी ने कहा कि साधकों को आत्मभावना के प्रति जागरूक होना चाहिए। योग भारतीय संस्कृति को जीवित रखे है। रोग व मानसिक तनाव का इलाज आधुनिक चिकित्सा पद्धति में नहीं है जबकि योग-प्राणायाम से इस पर काबू पा सकते हैं। शिविर में पायल भरतिया, उमेश अग्रवाल, सुरेश अग्रवाल, धर्मेद्र, आकाश, हर्ष, जय प्रकाश, अशोक, रीता, शशि, कविता, कुसुम मौजूद रहे। बुजुर्गो को सरल योग व प्राणायाम कराए
शांतिकुंज उपजोनल केंद्र की ओर से अखिल भारतीय गायत्री परिवार के सदस्यों ने सोमवार को श्याम नगर में योग शिविर लगाया। साधकों को योग एवं प्राणायाम के माध्यम से जीवन में सुखी रहने के तरीके बताए। शिविर में विशेष रूप से बुजुर्गो के लिए सरल योग व प्राणायाम कराए गए। साधकों को अनुलोम-विलोम, ताड़ासन, त्रिकोणासन, भद्रासन, नाड़ीशोधन के लाभ बताए। इसमें प्रज्ञा, श्रद्धा, रिचा, करूणा, सुरेश जोशी, लक्ष्मी नारायण कुशवाहा, सुनील विश्वकर्मा व अशोक पांडेय मौजूद रहे। ऐसे करें योग
आसन : त्रिकोणासन
विधि : दोनों पैरों के बीच में लगभग डेढ़ फुट का अंतर रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथ कंधों के समानान्तर पार्श्व भाग में खुले हुए होने चाहिए। श्वांस अंदर भरते हुए बाएं हाथ को सामने से लेते हुए बाएं पंजे के पास भूमि पर टिका दें, अथवा हाथ एड़ी के पास लगाएं। दाहिने हाथ को ऊपर की तरफ उठाकर गर्दन को दाई ओर घुमाते हुए दाएं हाथ को देखें। फिर श्वांस छोड़ते हुए पूर्व की स्थिति में आकर इस अभ्यास को दूसरी ओर से भी करें।
लाभ : कटि प्रदेश लचीला बनाता है। पाश्र्र्व भाग की चर्बी को कम करता है। पृष्ठांश की मांसपेशियां बल पड़ने से सुडौल होती हैं। छाती का विकास होता है।
नोट : योग प्रशिक्षक के निर्देशन में ही करें।