कानपुर में ड्यूटी के दौरान संक्रमण से मर चुके कर्मचारियों की फिर से बनेगी सूची, जानिए वजह
शासन के इस नए फैसले के बाद अब सभी विभागों से मृत कर्मचारियों की सूची मांगी जाएगी। यह सूची डीपीआरओ के कार्यालय में समग्र रूप से तैयार होगी और फिर शासन को भेजा जाएगा। पूर्व के शासनादेश के अनुसार जो सूची बनाई गई थी
कानपुर, जेएनएन। पंचायत चुनाव ड्यूटी के 30 दिन के अंदर कोरोना संक्रमण से जिन कर्मियों की मृत्यु हुई है, अब उनके आश्रितों को 30 लाख रुपये मिलेंगे। शासन के इस नए फैसले के बाद अब सभी विभागों से मृत कर्मचारियों की सूची मांगी जाएगी। यह सूची डीपीआरओ के कार्यालय में समग्र रूप से तैयार होगी और फिर शासन को भेजा जाएगा। पूर्व के शासनादेश के अनुसार जो सूची बनाई गई थी उसमें सिर्फ 11 मृत कर्मचारियों का नाम था।
राजकीय हाईस्कूल राधन के सहायक अध्यापक पीयूष द्विवेदी, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज ङ्क्षसहपुर के कनिष्ठ लिपिक रामदुलारे मौर्य, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज नर्वल के परिचारक प्रेमदत्त, ज्ञान भारती बालिका इंटर कॉलेज बिरहाना रोड की प्रवक्ता उमादेवी व संगीता गुप्ता, कस्तूरबा बालिका इंटर कॉलेज बेनाझाबर की कार्यवाहक प्रधानाचार्य चंद्रप्रभा, गंगादीन गौरीशंकर इंटर कॉलेज छावनी के अध्यापक अभिषेक गुप्ता, सेंट फ्रांसिस जेवियर्स हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षक वेद प्रकाश द्विवेदी, सुभाष स्मारक इंटर कॉलेज साकेत नगर के शिक्षक सत्येंद्र कुमार, महात्मा गांधी इंटर कॉलेज विजय नगर के कार्यवाहक प्रधानाचार्य रामसेवक सरोज, मोहन वि.म. इंटर कॉलेज गोविंद नगर के शिक्षक सुशील चंद्र विश्वकर्मा, रामकुमार कटियार इंटर कॉलेज बकोठी के कार्यवाहक प्रधानाचार्य ओमशरण कटियार, महेंद्र चंद्र चौधरी भा. वि. इंटर कॉलेज आचार्य नगर के प्रवक्ता सुधीर शुक्ला, नारी कल्याण बालिका इंटर कॉलेज अर्मापुर की शिक्षिका शिखा शंखवार की मृत्यु चुनाव से 30 दिन के अंदर ही हुई है। इस तरह माध्यमिक शिक्षा विभाग से जुड़े 15 शिक्षकों व कर्मियों की मौत हुई है। इन शिक्षकों और कर्मियों के आश्रितों को नए शासनादेश के तहत 30-30 लाख रुपये मिलेंगे। एक अप्रैल के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के 27 शिक्षकों व कर्मियों की मौत हुई है। विभाग देखेगा कि इनमें कितने शिक्षक और कर्मचारियों के आश्रित नए शासनादेश के दायरे में आएंगे।