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    कानपुर चिड़ियाघर में बढ़ेगा शेर का कुनबा, इंदौर से आएगी शेरनी

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 08:28 PM (IST)

    कानपुर चिड़ियाघर में वन्यजीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी है। जल्द ही इंदौर से एक शेरनी कानपुर लाई जाएगी, जिससे यहां शेरों का कुनबा बढ़ेगा। वन विभाग ने इसके लिए आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। चिड़ियाघर में शेरों का कुनबा बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए इंदौर चिड़ियाघर से शेरनी को लाया जाएगा। उसके माध्यम से शेरों की वंश वृद्धि की जाएगी। इसके बदले यहां से नर दरियाई घोड़े को भेजा जाएगा। नगर के चिड़ियाघर व इंदौर के चिड़ियाघर के अधिकारियों को बीच वन्यजीवों की अदला-बदली को लेकर सहमति बन गई है। इसका प्रस्ताव केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को भेजा जा चुका है। प्रस्ताव को अनुमति मिलने के बाद शेरनी को चिड़ियाघर लाया जाएगा।

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    चिड़ियाघर में वर्तमान समय में दो शेर व दो शेरनी दर्शकों के मनोरंजन कर रहे हैं। इनमें से एक शेरनी बूढ़ी हो चुकी है, दूसरी शेरनी गर्भधारण नहीं कर पा रही है। यहां पिछले आठ वर्षों से किसी शावक ने जन्म नहीं लिया है, कोई शेर अथवा शेरनी भी बाहर से नहीं लाए गए। चिड़ियाघर के चिकित्सकों ने शेर शेरनी का स्वास्थ्य परीक्षण करने के साथ जवान शेरनी के गर्भधारण को लेकर चिकित्सीय प्रयास भी किए लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद दूसरे चिड़ियाघर से शेरनी को लाने का निर्णय लिया गया। शेरनी आने के बाद चिड़ियाघर के शेर के साथ उसका जोडा़ बनाया जाएगा। चिड़ियाघर के निदेशक डा. कन्हैया पटेल ने बताया कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। शेरनी आने ने यहां दो शेर व तीन शेरनी हो जाएंगे। इंदौर से आने वाली शेरनी से शावकों के जन्म लेने की उम्मीद बढ़ जाएगी।

    शेरनी नंदिनी के शावकों के बाद नहीं हुआ किसी का जन्म

    शेरनी नंदिनी ने वर्ष 2017 में छह शावकों को जन्म दिया था। इनमें से तीन शावकों की मृत्यु हो गई। तीन शावकों में से दो शंकर व उमा चिड़ियाघर में रह रहे है। इनके माता-पिता शेर अजय व नंदिनी भी चिड़ियाघर में हैा। नंदिनी की शावक शेरनी सुंदरी को दूसरे चिड़ियाघर भेज दिया गया था। वर्ष 2017 के बाद चिड़ियाघर में न तो किसी शावक का जन्म हुआ न ही कोई शेर दूसरे चिड़ियाघरों से यहां लाया गया।

    इलाज को लखीमपुर से लाया गया तेंदुआ

    वन विभाग की टीम ने लखीमपुर खीरी से तेंदुए को पकड़ने के बाद उसे चिड़ियाघर भेजा है। चार वर्ष का तेंदुआ घायल अवस्था में यहां लाया गया है। उसके जबड़े व दांत में चोट है। चिड़ियाघर के वन्यजीव चिकित्सकों की निगरानी में तेंदुए का इलाज किया जा रहा है। चिड़ियाघर के निदेशक डा. कन्हैया पटेल ने बताया कि तेंदुआ शांत है और धीरे-धीरे भोजन कर रहा है। चिकित्सकों ने उसकी जांच की है। इलाज भी शुरू कर दिया गया है। कुछ दिनों में उसके स्वास्थ्य में सुधार की उम्मीद है। तेंदुए लगातार निगरानी की जा रही है। उसके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है।