'नरक' में रहकर छटपटा रही जिंदगी
जागरण संवाददाता, कानपुर: पिछले तीन वर्षो से केंद्र सरकार देशभर में स्वच्छता अभियान का बिगुल फूंक रही
जागरण संवाददाता, कानपुर: पिछले तीन वर्षो से केंद्र सरकार देशभर में स्वच्छता अभियान का बिगुल फूंक रही है, लेकिन केंद्र के ही महकमे रेलवे ने इस अभियान को पलीता लगा रखा है। बुधवार को दैनिक जागरण की टीम ने रेलवे की जमुनियाबाग कालोनी का हाल देखा तो वहां गंदगी के अंबार के साथ टूटी सड़कों, नालियों में बहता सीवर और बदहाल व्यवस्थाओं से सामना हुआ।
कानपुर सेंट्रल व अन्य रेल कर्मियों के लिए रेलवे की 10 कालोनियां है, जिसमें तीन से चार हजार मकान हैं। इनमें से ही एक कालोनी जमुनियाबाग है। जीटी रोड से सटी इस कालोनी में 200 से 250 परिवार निवास करते हैं। कॉलोनी की सड़क मार्ग व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। स्थानीय प्रयास से ही केवल चलने लायक खडं़जा मार्ग बचा है। बरसात के दिनों में हालात अधिक खराब हो जाते हैं। कई स्थानों पर सड़क के ऊपर पानी भरा है। पूरी कॉलोनी का जलनिकासी सिस्टम दम तोड़ चुका है। नालियां टूट चुकी हैं और सीवर जाम है। लोगों ने बताया कि इसकी वजह से गंदा पानी आंगन और घरों के अंदर भर रहा है।
गंदगी का लगा अंबार
जमुनिया बाग की सबसे बड़ी समस्या यहां की गंदगी है। कालोनी के क्वार्टरों में आने-जाने के लिए आगे और पीछे दोनों तरफ से रास्ते दिए गए थे लेकिन करीब 100 घरों में नाली की ओर वाला रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। इसकी वजह यह है कि यह रास्ता अब पूरी तरह से कूड़े से पट गया है। कालोनी के लोगों ने बताया कि साल भर पहले यहां एक नई सीवर लाइन डाली गई थी। अब तक लाइन घरों से नहीं जोड़ी गई है। वहीं मार्ग प्रकाश व्यवस्था के लिए बिजली का एक पोल लगाया गया लेकिन उसमें भी छह माह बाद भी करंट नहीं दौड़ा।
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कालोनी वासियों का दर्द
पूरी कालोनी गंदगी से पटी पड़ी है। सफाई के लिए कुछ काम नहीं हो रहा है। शिकायत करने के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है।
-शुभम
हालात बेहद खराब हैं। गंदगी, सीवर, जलभराव हर तरह की समस्याएं हैं। किसी तरह जिंदगी गुजार रहे हैं। शिकायत करो तो सुनवाई नहीं होती।
-आकाश
बारिश के दिनों में कालोनी के अंदर घुसना तक मुश्किल हो जाता है। चारों ओर से खुली कालोनी में सुरक्षा एक बड़ा सवाल है।
-सुरेश
सीवर व नालियां चोक होने से सुबह शाम गंदा पानी घरों के अंदर घुस जाता है। नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है। कहीं कोई सुनवाई नहीं होती।
-कमलेश सिंह
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रेलवे की कालोनियों में कई तरह की समस्याएं हैं। जल्द ही योजना बनाकर उनको दूर कराया जाएगा।
डा. जितेंद्र कुमार, स्टेशन निदेशक